Tuesday - 16 January 2024 - 11:38 PM

UP में जीवन और जीविका के मंत्र से आम कारोबार को मिली ताकत

खास बातें

  • जापान, न्यूजीलैंड सहित कई देशों से मलिहाबादी दशहरी के ऑर्डर मिले
  • समय से दवाओं का छिडकाव कर यूपी में किसानों ने आम को कीटों से बचाया

लखनऊकोरोना संक्रमण से लोगों के ”जीवन और जीविका” को बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाने का फैसला कारोबारी और किसान दोनों के लिए लाभकारी साबित हुआ है।

लखनऊ से सटे मलिहाबाद, माल, रहीमाबाद और काकोरी इलाके आम उत्पादक सैकड़ों किसानों का तो यहीं मनाना है। इन किसानों के अनुसार आंशिक कोरोना कर्फ्यू के चलते उन्हें अपने घर से निकल कर आम के बागों को कीटों से बचाने की ताकत मिली और वह आम की अच्छे उत्पादन के लिए अपने बागों में समय से दवाओं का छिड़काव कर फसल को बचा सके।

बीते साल लॉकडाउन के चलते आम के पेड़ों पर समय से दवाओं का छिडकाव ना कर पाने से आम का उत्पादन प्रभावित हुआ था।

mango

इस बार आंशिक कोरोना कर्फ्यू के चलते किसान अपने बागों में आम के पेड़ों की देखभाल कर सके। इस वजह से आम का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद है।

कोरोना संक्रमण से संबंधित तमाम दिक्कतों के बाद भी विदेशों से आम के आर्डर मिलना शुरू हो गए हैं। पहली बार जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों से भी दशहरी के ऑर्डर मिले हैं।

फिलहाल मलिहाबादी दशहरी सहित राज्य के सभी 15 मैंगो बेल्ट से बड़े पैमाने पर आम विदेश भेजने की तैयारी की जा रही है। खाड़ी देशों के दुबई, सऊदी अरब, ओमान और कतर से दशहरी के ऑर्डर आम उत्पादक किसानों और कारोबारियों के पास आए हैं। राज्य का उद्यान विभाग तथा राज्य मंडी परिषद के अधिकारी भी आम उत्पाद किसानों की मदद कर रहें हैं।

ये भी पढ़े: योगी ही नहीं इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी समय नहीं चल रहा सही

ये भी पढ़े: 14 महीनों में हर मिनट में 30 नए निवेशकों की हुई शेयर बाजार में एंट्री

राज्य का शानदार आम विदेशों में ज्यादा से ज्यादा भेजा जाए, इसके लिए वर्चुअल बायर-सेलर मीट का आयोजन किया जा रहा है। इसके जरिए बनारसी लंगड़ा आम, मलिहाबादी दशहरी और चौसा आम को विदेश भेजने के ऑर्डर प्राप्त किए जायंगे।

बीते साल प्रदेश की सभी 15 मैंगो बेल्ट से 3,515.494 मीट्रिक टन आम विदेशों में भेजा गया था। इस बार यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है।

राज्य में आम निर्यात की नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के अधिकारियों के अनुसार, दुबई, ओमान, लंदन, जर्मनी, दोहा, यूके, नेपाल, ईटली और ईरान में मलिहाबाद के दशहरी के अलावा बनारसी लंगड़ा और चौसा आमों की भी खासी मांग है।

मलिहाबादी दशहरी के लिए यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी और इंग्लैंड से ऑर्डर मिले हैं। मलिहाबाद और सहारनपुर के मैंगो पैक हाउस से इस समय आम के निर्यात की तैयारियां तेजी से चल रही है।

उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार आम का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद है। बीते साल 279.246 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 4806.654 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ था। इस बार इससे अधिक आम उत्पादन का आकलन किया गया है।

आम का बंपर उत्पादन होने की मुख्य वजह मौसम का ठीक रहना और आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान किसानों को अपनी बागों की देखरेख करने की छूट मिलाना एक बड़ी वजह है। जिस कारण से किसान बागों में जाकर आम के पेड़ों पर समय से दवाओं का छिड़काव कर सके और आम का पेड़ आम से लहलहा गया।

इसके बाद अबआम की देश और विदेश में यूपी के आम का मांग बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में यह मान और बढ़ेगी। जिसे देखते हुए मलिहाबाद के मैंगो पैक हाउस से सक्रियता बढ़ा दी गई है।

इस मैंगो पैक हाउस में दशहरी के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में पैदा होने वाला दूसरी वैरायटी का आम भी निर्यात की पैकिंग के लिए आता है।

इसके अलावा प्रदेश सरकार ने आम के कारोबार के लिए खासतौर पर यहां वातानुकूलित मंडी का निर्माण भी कराया है। यहां अब आम कारोबारियों की आमद बढ़ गई है।

आम कारोबारियों को जापान, न्यूजीलैंड सहित कई देशों से मलिहाबादी दशहरी, बनारसी लंगड़ा और चौसा आमों के आर्डर मिले हैं। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों से आर्डर मिले हैं, इन राज्यों में राज्य से हर साल 2500-2600 करोड़ रुपये का आम का कारोबार होता है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार आम का कारोबार एक नया रिकॉर्ड बनाएगा।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com