Sunday - 7 January 2024 - 8:05 AM

खोले गए बद्रीनाथ धाम के कपाट

न्यूज़ डेस्क

चार धामों में से एक भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 4.30 बजे खोल दिए गए। लॉकडाउन के बीच खोले गये कपाट में मुख्य पुजारी सहित केवल 28 लोगों की मौजूदगी में भगवान बद्री विशाल के मंदिर का कपाट खोला गया। इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। इस वजह से ही मुख्य पुजारी सहित कुछ ही लोगों को कपाट खोलने के समय मौजूद रहे।

कपाट खोलने के बाद पहले दिन भगवान बद्रीविशाल की अभिषेक पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की ओर से जाएगी, ताकि कोरोना वायरस नामक महामारी को देश के साथ ही संसार से मिटाने में सबको सफलता मिल सके।

हर बार की तरह इस बार भी बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं। सुबह द्वार पूजन के साथ ही मंदिर में मुख्य पुजारी रावल व अन्य हक हकूकधारियों की मौजूदगी में भगवान श्री नारायण के कपाट खोले गए।

कपाट खोलने की प्रक्रिया तड़के से ही शुरू हो गई, जिसके बाद मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही थी।मंदिर पहुंचने के बाद मुख्य पुजारी रावल और धर्माधिकारी ने द्वार पूजन के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। ठीक 4.30 बजे भगवान बद्री नारायण मंदिर के कपाट इस वर्ष यात्रा काल के लिए खोल दिए गए। साथ ही सभी ने अखंड ज्योति के दर्शन किए।

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कपाट खुलने के बाद धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल ने बताया कि भगवान बद्री विशाल के मंदिर की अनोखी परंपरा है।यहां शीत काल में देवताओं की ओर से देवर्षि नारद भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं ग्रीष्मकाल में यह पूजा मानवों द्वारा की जाती है। कपाट खुलने के बाद जहां रावल जी द्वारा भगवान बद्रीश की पूजा के बाद माता लक्ष्मी की मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाया जाता है, वहीं भगवान उद्धव जी के विग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया जाता है।इसके साथ ही बद्रीश पंचायतन की पूजाएं शुरू हो जाती हैं।

भगवान बद्रीनाथ के शुक्रवार के दर्शनों में मुख्यत: अखंड ज्योति और भगवान बद्रीनाथ के निर्वाण दर्शन होते हैं। इसे देखने का आज का मुख्य महत्व होता है. शुक्रवार को पूरे दिन मंदिर खुला रहेगा, लेकिन सुबह में श्रद्धालु पूरी तरह से नदारद रहे क्योंकि इस समय लॉकडाउन चल रहा है। बद्रीनाथ धाम के कपाट तो खुल गए मगर श्रद्धालुओं को धाम तक आने की अनुमति नहीं है।

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ध्यान

कपाट खुलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया. इस दौरान सभी लोग मास्क पहने नजर आए। कम संख्या में बद्रीनाथ धाम जाने की अनुमति के कारण देवस्थानम बोर्ड और सीमित संख्या में हकूकधारी ही बदरीनाथ धाम पहुंचे।

गुरुवार को शुरू हुई तैयारी

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि 15 मई को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर कृष्ण अष्टमी तिथि धनिष्ठा नक्षत्र में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. इसके लिए प्रक्रिया प्रात: 3 बजे से ही शुरू हो जाएगी। इस दौरान परिसर में कुबेर, उद्धव और गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से प्रवेश करेंगे। इसके बाद रावल, धर्माधिकारी, हक हकूकधारियों की उपस्थिति में कपाट खोले जाएंगे। कपाट खोलने के बाद लक्ष्मी माता को परिसर स्थित मंदिर में विराजमान कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पिछले साल कपाट खुलने के बाद पहले ही दिन लगभग 10,000 श्रद्धालुओं ने मंदिर के दर्शन किए थे। गुरुवार को मंदिर और आसपास के इलाके को कई कुंटल फूलों से सजाया गया।

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