Thursday - 11 January 2024 - 1:57 AM

Chandrayaan-3 : ISRO ने बताया-कम बजट के बावजूद कैसे भारत ने हासिल की इतनी बड़ी सफलता

जुबिली स्पेशल डेस्क

बुधवार का दिन पूरे भारत के लिए खास बन गया जब भारत ने इतिहास रच दिया था। भारत ने नया इतिहास रचते हुए चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली थी।

इसके बाद तो पूरे देश में जश्न का माहौल है। लोग सुबह से इस खास पल का इंतेजार कर रहे थे और आखिरकार वो पल आ गया और 140 करोड़ लोगों की प्रार्थना और इसरो के 16 हजार वैज्ञानिकों की मेहनत की वजह से बुधवार को भारत ने इतिहास रचा।

इसरो के मिशन मून चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग हुई है. 23 अगस्त (बुधवार) को शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरा था। भारत की इस शानदार कामयाबी पूरा देश गर्व कर रहा है। इतना ही नहीं पूरी दुनिया भारत की इस कामयाबी को सलाम कर रही है लेकिन आपको पता है कि बेहद कम बजट में इतनी बड़ी सफलता हासिल करने पर पूरी दुनिया हैरान है।

दरअसल चंद्रयान 3 के बजट को देखें तो महज 600 करोड़ में कामयाबी हासिल हुई जबकि अगर इसकी तुलना चंद्रयान 2 के बजट(करीब 900 करोड़) से करें तो उससे कम बजट में चंद्रयान 3 को चांद की सतह पर भारत पहुंचने में कामयाब हुआ।

ऐसे में पूरी दुनिया इस बात से हैरान है कि कम बजट होने के बावजूद भारत ने कैसे ये कारनामा कर दिया। इसरो के निदेशक एस सोमनाथ ने इस पूरे मामले पर रौशनी डाली है और कहा है कि रॉकेट के निर्माण में स्वदेशीकरण पर खासा ध्यान दिया गया है, एक और जानकार ने बताया कि अगर आप नासा की बात करें तो वो बड़े बड़े उद्योग घरानों को रॉकेट निर्माण की जिम्मेदारी देने के बाद उसकी खरीद करते हैं और लागत बढ़ जाती है, भारत में ज्यादातर चीजों को खुद बनाया जाता है और इंड्स्ट्री का उपयोग वेंडर के तौर पर करते हैं और लागत में कमी की यह बड़ी वजह है।

वही साल 2020 में, पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन ने जानकारी दी थी कि चंद्रयान-3 मिशन करीब 615 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। जिसमें से इसके लैंडर, रोवर और प्रोपल्सन मॉड्यूल पर 250 करोड़ खर्च किए गए। जबकि मिशन के लांच सर्विस की लागत करीब 365 करोड़ रुपये होगा।

इस परियोजना पर अनुमानित 615 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और इसे देश के सबसे लागत प्रभावी अंतरिक्ष मिशनों में से एक कहा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि चंद्रयान-2 की लागत इससे अधिक था. चंद्रयान-2 पर कुल 978 करोड़ का खर्च आया था।

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