जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ भारत के जवाबी ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के बाद कल यानी बुधवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए सैन्य अभियान की समीक्षा की जाएगी।
कौन-कौन होंगे शामिल?
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेना प्रमुख, खुफिया एजेंसियों और अर्धसैनिक बलों के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे।
बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में निम्न मुद्दों पर चर्चा संभव है:
-
आतंकवाद के खिलाफ चल रही सैन्य कार्रवाई की प्रगति
-
खुफिया सूचनाओं की समीक्षा
-
सीमा पर तैनात सैनिकों और संसाधनों की स्थिति
-
आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ अगली रणनीति
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया।
भारत की इस कड़ी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने ड्रोन अटैक की कोशिश की, जिसका भारत ने सख्त जवाब देते हुए सभी ड्रोन को हवा में ही ध्वस्त कर दिया।
भारत और पाकिस्तान ने की है सीजफायर की घोषणा
भारत की कठोर कार्रवाई से घबराकर पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से हॉटलाइन पर संपर्क कर सीजफायर की अपील की। भारत ने इस प्रस्ताव को सख्त चेतावनी के साथ स्वीकार किया — यदि पाकिस्तान फिर कोई हरकत करता है, तो जवाब पहले से भी ज़्यादा घातक होगा।
ये भी पढ़ें-यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ‘यूनियन वेलनेस डिपॉजिट’ का शुभारंभ-एक अनूठी 375-दिवसीय खुदरा अवधि जमा योजना
पीएम मोदी ने सेना का बढ़ाया मनोबल
आज ही प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे, जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में शामिल भारतीय जवानों से मुलाकात की। पीएम ने कहा:“भारत की सेना ने आतंक को पालने वालों को ऐसी चोट दी है, जिसे वे हमेशा याद रखेंगे। अब भारत की नीति बदल चुकी है — हमला होगा तो जवाब अपने समय और शर्तों पर देंगे।”प्रधानमंत्री ने सैनिकों को सलाम करते हुए कहा कि भारत अब न्यूक्लियर धमकियों से डरने वाला देश नहीं है और ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।