जुबिली न्यूज डेस्क आखिर बीजेपी के लिए हैदराबाद का निगम चुनाव इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया है? पिछले दो दिनों से यह सवाल सियासी गलियारों में गूंज रहा है। निकाय चुनाव में बीजेपी की आक्रामकता से जितने हैरान आम लोग हैं उतने ही राजनीतिक पंडित अवाक हैं। हैदराबाद निकाय चुनाव …
Read More »जुबिली डिबेट
क्या इस व्यवहार से हम शर्मिंदा हैं?
डा.सी.पी.राय जब देश के सभी लोग इतनी ठंड में हीटर और रजाई मे घरों में दुबके होते है, तभी देश का पेट भरने वाला किसान खुले आसमान के नीचे बैठा है कई रातों से और बैठेगा कई रातों तक इन्तजार में कि देश के मालिक अडानी और अम्बानी शायद उसी …
Read More »डंके की चोट पर : क्योंकि दांव पर उसकी नहीं प्रधानमंत्री की साख है
शबाहत हुसैन विजेता हेमवती नन्दन बहुगुणा कांग्रेस के नेता थे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. बाद में वह चौधरी चरण सिंह से प्रभावित होकर लोकदल में शामिल हो गए. उत्तर प्रदेश विधानसभा के ठीक सामने जहाँ अब भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर है, वहां बहुगुणा जी का सरकारी आवास था. …
Read More »आखिर किसान सरकार की बात पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे?
प्रीति सिंह पिछले ढ़ाई माह से देश के किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा है। राज्यों में प्रदर्शन कर रहे किसान अब दिल्ली में सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने के लिए आना चाह रहे हैं, लेकिन सरकार उनसे बात करने के बजाए उन्हें रोक रही है, उन पर बल प्रयोग …
Read More »अपने-अपने दड़बों को दरकिनार कर दिल्ली चलें
श्रीश पाठक देश के किसान दिल्ली जाना चाहते हैं। सभी को दिल्ली जाना चाहिए। व्यापारी, दुकानदार, अध्यापक, विद्यार्थी, सैनिक, पुलिस, डॉक्टर, इंजीनियर, अरे सभी को दिल्ली जाना चाहिए। दिल्ली में देश का प्रधान सेवक बैठता है। यों तो दिल्ली को सबके पास स्वयम ही पहुँचना चाहिए, लेकिन अगर शक्ति के …
Read More »जलवायु परिवर्तन घातक कर सकता है निवार का वार?
डॉ. सीमा जावेद बुधवार रात को तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से टकराता हुआ चक्रवाती तूफान निवार (Cyclone Nivar) उत्तर-पश्चिम की ओर फ़िलहाल रुख कर चुका है। लेकिन पुडुचेरी और तमिलनाडु में कई हिस्सों में लगातार बारिश का दौर जारी है और इस तूफ़ान ने इस क्षेत्र में काफी नुकसान …
Read More »मुकम्मल आज़ादी का नाम है कान्स्टीट्यूशन
शबाहत हुसैन विजेता 26 नवम्बर 1949. हिन्दुस्तान की हिस्ट्री का वह सुनहरा दिन जब हमारा अपना कांस्टीट्यूशन मुकम्मल हुआ. हालांकि यह 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. आईन के लिए जितनी ज़रूरी आज़ादी है, उतना ही ज़रूरी कांस्टीट्यूशन भी है. कहने को यह सिर्फ एक किताब है लेकिन हकीकत …
Read More »उत्तर में राम तो दक्षिण में मुरुगन, भगवान भरोसे भाजपा
प्रीति सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा की रडार पर तमिलनाडु है। इस राज्य में अपनी राह आसान करने के लिए भाजपा लगातार कोशिश कर रही है पर अब तक उसे सफलता नहीं मिली है। राज्य की दो द्रविड़ पार्टियों से मिल रही चुनौती के बाद से भाजपा को एहसास …
Read More »गौरवशाली अतीत और निराशा के अंधकार में फंसी कांग्रेस
कृष्णमोहन झा हाल ही में बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए संपन्न चुनावों में कांग्रेस को मात्र 19 सीटों पर जीत का स्वाद चखने मिला है जबकि उसने राज्य की सबसे मजबूत क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन के एक बड़े घटक के रूप में सदन …
Read More »पश्चिम बंगाल : हिन्दू राष्ट्रवाद बनाम बांग्ला राष्ट्रवाद
जुबिली ओपिनियन बिहार में परचम फहराने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब पश्चिम बंगाल में परचम फहराने की तैयारी में जुट गई है। पिछले कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल की सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग अब हिंसक हो गयी है। …
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