Monday - 22 January 2024 - 7:02 PM

जुबिली डिबेट

1947 से 2020 तक : ये कहाँ आ गए हम ?

डा. चंद्र प्रकाश राय  आज़ादी के बाद आज़ादी की लडाई की सूत्रधार, कर्ताधर्ता कांग्रेस थी जिसने कुर्बानियाँ दिया था और बस एक सपना लेकर चली थी की मुल्क को सैकड़ो साल की गुलामी से आजाद करवाना है और तानाशाही शासन से लडते वक्त कहाँ पता होता है की एक दिन …

Read More »

क्या भारत वाकई भूखा है ?

डॉ. उत्कर्ष सिन्हा 21वीं सदी की महाशक्ति बनने के दावों और 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के सपनों में झूलते हुए भारत की असल स्थिति क्या है ? ये सवाल खड़ा हुआ है एक रिपोर्ट के बाहर आने से। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 ने हमे एक ऐसी हकीकत का आईना …

Read More »

जो बाइडेन भी समझते हैं भारत के साथ मैत्री का महत्व

कृष्णमोहन झा दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति पद की बागडोर अब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के हाथों में आती दिख रही है जो मतगणना पूरी होने के पहले ही अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हो चुके हैं। यद्यपि जीत का दावा करने में उन्होंने शुरू से ही …

Read More »

कोरोना महामारी, भारत और कुपोषण

प्रीति सिंह पिछले महीने बच्चों से जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि कोरोना महामारी की वजह से गरीबी और बढ़ेगी और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। 20 अक्टूबर को “ग्लोबल एस्टिमेट ऑफ चिल्ड्रन इन मोनिटरी पॉवरिटी: एन अपडेट” ने एक रिपोर्ट जारी किया …

Read More »

इस दीवाली ग्रीन पटाखे, न माने तो चलेगा मुकदमा

प्रमुख संवाददाता लखनऊ. दीवाली की दस्तक सुनाई देने लगी है. दीवाली खुशियों का त्यौहार है, धूम धड़ाका करने का त्यौहार है. मिठाइयों के साथ-साथ पटाखों और फुलझड़ियों का भी त्यौहार है. पटाखे चलते हैं तो बच्चे खुश होते हैं मगर इससे वायु प्रदूषण भी फैलता है. देश की कई राज्य …

Read More »

नतीजे जो भी हों मगर अमेरिकी चुनावों के इन संकेतों को समझिए

डॉ.  उत्कर्ष सिन्हा एक अमेरिकी विश्लेषक ने चुनावी नतीजों के रुझान आने के बाद कहा – “ ऐसा लगता है कि अमेरिका ने अपने पॉकेट को आगे रखा और नैतिकता की बातों को खूंटी पर टांग दिया है।     लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है कि अमेरिका का नया …

Read More »

भारत में ग्रीन रिकवरी और नौकरियों की संभावनाएं

डॉ. सीमा जावेद दुनिया में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने के रुख में लगातार तेजी आ रही है मगर इसके कारण उत्पन्न होने वाले रोजगार अवसरों के स्थाायित्व और भौगोलिक स्थिति के लिहाज से उनकी उपलब्ध ता को लेकर कई सवाल अब भी बने हुए हैं. विशेषज्ञों का यह …

Read More »

सवाल है कि पर्याप्त उपज होने के बावजूद महंगाई इस कदर बेलगाम क्यों हो गई है?

प्रीति सिंह बिहार के चुनावी मैदान में कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में बीजेपी के लिए महंगाई डायन थी और अब उनकी भौजाई बन गई है। तेजस्वी का कहना सही है। यूपीए के शासनकाल में महंगाई को लेकर बीजेपी …

Read More »

बड़ा मलहरा जैसे उप-चुनावों के मायने

डा. रवीन्द्र अरजरिया बड़ा  मलहरा (छतरपुर)। देश की राजनैतिक नैतिकता एक बार फिर कटघरे में खडी हो गई है। उसी नैतिकता का महाकुम्भ अंतिम पड़ाव पर है। संविधान के अनुशासन में बंधा आम आदमी मतदान करके अपने प्रतिनिधि का चयन करेगा। प्रतिनिधि का क्षेत्र के प्रति दायित्वबोध कब कहां करवट …

Read More »

‘जंगलराज’ बन गया है एनडीए के चुनावी उम्मीद की डोर

कुमार भवेश चंद्र बिहार में मंगलवार को दूसरे दौर के मतदान के साथ प्रदेश के वोटर अपने लिए नई सरकार चुनने की दिशा में एक और मजबूत बढ़ा देंगे। चुनावी बयार तेज है। बेरोजगारी दूर करने के तेजस्वी के 10 लाख वादे को लेकर बिहार में विचार मंथन तेज है। …

Read More »
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com