Sunday - 21 January 2024 - 2:16 AM

जुबिली डिबेट

डंके की चोट पर : जिस रानी का मन्दिर है उसका भी किला ढह गया मोदी जी

शबाहत हुसैन विजेता एक आदमी पंडित था, एक आदमी मुसलमान था, एक आदमी सिक्ख था, एक इसाई था. चारों को एक दूसरे से बड़ी दिक्कतें थी. मगर कोई बड़ा नहीं था, कोई छोटा नहीं था. ज़रूरत पड़ने पर यह साथ बैठ जाते थे. ज़रूरत पड़ने पर झगड़ भी लेते थे. …

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नक्कारखाने में तूती की आवाज

डा. रवीन्द्र अरजरिया लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की स्थापना से जुडा है। सत्ता से लेकर विकास के मापदण्डों तक यही सिध्दान्त लागू होना चाहिए ताकि समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति तक सुविधायें और संसाधनों की सीधी पहुंच हो सकेगी। लगभग 138 करोड नागरिकों वाले देश में …

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औपनिवेशिक शोषण नीतियों से बाज आये सरकार

केपी सिंह पेट्रोल की कीमतों के शतक पार करने के साथ ही एक इतिहास रच गया है। भारत में बुलेट ट्रेन के इस जमाने में मंहगाई भी बुलट रफ्तार से लोगों की जिन्दगी कुचलने के लिये दौड़ पडी है। यह कुछ ही महीनों में पेट्रो पदार्थो की कीमतों में भारी उछाल …

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या मौत का जश्न मनाना चाहिए?

रफ़त फातिमा जब दौलत, धर्म और स्टेटस ही रिश्तों के मापदण्ड हों तो कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं जिनसे रूह तक काँप जाती है। अक्सर हालात में प्रेमी-प्रेमिका को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है तो कभी समाज और परिवार “इज़्ज़त” के लिये हत्या (honour killing) करता …

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क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत पौधारोपण ख़राब प्लानिंग का शिकार

डॉ सीमा जावेद हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय शहरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत किए गए पौधारोपण, योजनाबद्ध तरीके से न किये जाने के कारण अप्रभावी हैं। ज्यादातर मामलों में, या तो वृक्षारोपण अभियान ने प्रमुख प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट को अपवर्जित …

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उधार लेकर घी पीने की आदत

डा. रवीन्द्र अरजरिया उधार लेकर घी पीने की कहावत सुनी जरूर थी परन्तु उसे सरकारों के माध्यम से चरितार्थ होने की निरंतर स्थिति में तीव्रगामी होते पहली बार देखा। सरकारों के बजट पर ईमानदार करदाताओं की खून पिपाषु नीतियां हमेशा से लागू होती रहीं है परन्तु इन दिनों विकास के …

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डंके की चोट पर : आज अगर खामोश रहे तो कल सन्नाटा छाएगा

शबाहत हुसैन विजेता वो मेरे बचपन का दौर था. सड़क पर नारे लग रहे थे नसबंदी के तीन दलाल इन्दिरा-संजय-बंसीलाल. तब न नसबंदी का मतलब मालूम था, न दलाल की परिभाषा पता थी, न बंसीलाल और संजय के बारे में ही कुछ मालूम था. हाँ यह पता था कि इन्दिरा …

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अभियान पर अंकित होते प्रश्नचिंह

डा. रवीन्द्र अरजरिया देश के विभिन्न प्रदेशों में इन दिनों सड़क सुरक्षा माह का विशेष आयोजन किया जा रहा है। सरकारी विभागों में परिवहन, पुलिस और नगर निकायों को विशेष बजट आवंटित करके उनके उत्तरदायित्वों को निर्धारित किया गया है। यानी इस माह में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के …

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जल जीवन मिशन में कहाँ हैं महिलायें ?

हर घर नल से जल पहुँचाने के संकल्प के प्रधानमंत्री ने दो साल पहले जल जीवन मिशन की घोषणा की थी और उसके लिए बड़े बजट का निर्धारण भी किया जा चुका है, लेकिन इस मिशन के जरिए कहीं पानी के निजीकरण का रास्ता तो नहीं खुलेगा? क्या समुदाय का …

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डंके की चोट पर : …तो संसद आवारा हो जाती है और अदालतें सौदागर

शबाहत हुसैन विजेता आज 14 फरवरी है. संत वैलेंटाइन का जन्मदिन. वही संत वैलेंटाइन जिसे प्यार करने के जुर्म में मौत की सज़ा दी गई थी. अपने मुल्क से प्यार करने वालों को भी मौत की सज़ा के लिए 14 फरवरी का दिन ही मुकर्रर किया गया था. 14 फरवरी …

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