सुरेंद्र दुबे भोपाल की भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। उन्हें मालूम है कि अगर वह कोई बुद्धिमत्ता पूर्ण बयान देंगी तो मीडिया वाले उन्हें कतई घास नहीं डालेंगे। इसलिए इस बार उन्होंने विपक्ष पर भाजपा नेताओं के खिलाफ मारक शक्तियों का इस्तेमाल …
Read More »जुबिली डिबेट
उलटबांसी : हिंदू राष्ट्र के लिए कुत्ते का अनुमोदन
अभिषेक श्रीवास्तव इस भंगुर जगत में हर प्राणी खुद को अहिंसक मानता है। इसीलिए अपने बिरादर से कोई, कभी डरता नहीं। आदमी, आदमी से नहीं डरता। कुत्ता, कुत्ते से नहीं डरता। हां, आदमी कुत्ते से डर सकता है। कुत्ता भी आदमी से डर सकता है। आदमी के भीतर ही देखिए।हिंदू, …
Read More »अस्तित्वविहीन होते जंगल और पर्यावरण
प्रीति सिंह प्रकृति में हर चीज का अपना महत्व है। प्रकृति में उपलब्ध हवा, मिट्टी और पानी सीमित रूप से ही जीवन को पाल सकती है। प्रकृति सबको स्वतंत्र रूप से निशुल्क सब कुछ देती है और हमेशा अपेक्षा करती है कि हम इसकी अहमियत को समझेंगे। पर वर्तमान परिवेश …
Read More »जिस्म की मौत कोई मौत नहीं होती है
शबाहत हुसैन विजेता मौत उसकी है करे जिसका ज़माना अफ़सोस यूं तो दुनिया में सभी आये हैं मरने के लिए अरुण जेटली की मौत की खबर मिली। साल 2019 का अगस्त महीना पहले सुषमा स्वराज को लील गया और अब अरुण जेटली को।हिन्दुस्तान की सियासत में यह दोनों ऐसे नाम …
Read More »क्या कांग्रेस को उन्नीसवी सदी के शुरूआती दशकों में लौट जाना चाहिए
के पी सिंह कांग्रेस पार्टी के भविष्य पर अंधेरा छाया हुआ है। जिसने पार्टी के दिग्गजों को विचलित कर रखा है। इन स्थितियों के बीच कांग्रेस के तीन बड़े बुद्धिजीवी चेहरों के हथियार डालने की मुद्रा जताने वाले बयान ट्वीट के माध्यम से एक के बाद एक सामने आये हैं। …
Read More »अंग्रेजी में लौटने लगे हैं शिक्षा के वैदिक मूल्य
डा. रवीन्द्र अरजरिया ज्ञान के बिना जीवन पशुवत है, स्वामी विवेकानन्द का यह आदर्श वाक्य सामाजिक मर्यादाओं, अनुशासन और अनुबंधों को रेखाकित करने के लिये पर्याप्त है। समाज और सामाजिकता के मध्य मानवीयता की स्थिति वर्तमान में हिचकोलें ले रही है। संस्कार नाम की संस्था कही विलुप्त सी हो गई …
Read More »जलते जंगल और पर्यावरणविदों की चिंता
धीरेन्द्र अस्थाना जलवायु परिवर्तन सिर्फ पर्यावरणविदों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। यदि अब हम नहीं सचेते तो फिर हम कभी संभल नहीं पायेंगे। ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ रहा है और धरती का फेफड़ा सुलग रहा है। करीब तीन सप्ताह से अमेजन …
Read More »क्या मजबूत छवि वाले कमजोर प्रधानमंत्री है मोदी ?
उत्कर्ष सिन्हा अमेरिका में होने वाले “हाउडी मोदी” शो की सारी टिकटें एडवांस में बुक हो चुकी हैं , इससे पहले भी न्यूयार्क के मेडिसन स्कवेयर पर नरेंद्र मोदी एक शानदार शो कर चुके हैं । आबू धाबी के हालिया दौरे पर नरेंद्र मोदी को वहाँ का नागरिक सम्मान “आर्डर …
Read More »योगी मंत्रिमंडल के विस्तार से उजागर हुयीं भाजपा की अंदरूनी गुत्थियां
केपी सिंह उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार से भाजपा के अंदरखाने की कई गुत्थियां उजागर हो गई हैं। पहले समझा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी-शाह का पार्टी में एकछत्र वर्चस्व स्थापित हो चुका है जिसकी वजह से शिखर स्तर पर पार्टी में अंर्तद्वंद …
Read More »तोता बन गया बाज, नेताओं पर गाज
सुरेंद्र दुबे त से तोता जो किसी का नहीं होता। जिसकी सरकार होती है उसी की भाषा बोलने लगता है। कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं माना था कि सीबीआई पिंजरे में बंद एक तोता है। यानी कि सरकार जैसा चाहती है वैसा उससे करवाती है, जिस समय ये …
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