उत्कर्ष सिन्हा कुछ वक्त पहले जब भारत की अर्थव्ययवस्था के 5 ट्रिलियन होने का लक्ष्य घोषित किया गया था, तब ये खबर हफ्तों मीडिया की सुर्खियों में रही थी। सरकार के नुमाईनदे और समर्थक इस खबर को लगातार चर्चा में बनाए हुए थे। लेकिन अब जब आर्थिक मोर्चे से बुरी …
Read More »ओपिनियन
लाक डाउन 5.0 की विवशता को स्वीकार करें हम
कृष्णमोहन झा कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए संपूर्ण देश में जब पहली बार21 दिन के लाक डाउन कीघोषणा की गई थीतब हमें यह उम्मीद थी कि कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए यह अवधि पर्याप्त सिद्ध होगी परंतु 21 दिनों कीअवधि पुर्ण होने के पहले …
Read More »टिड्डियों का हमला तो आम बात है, फिर इतना शोर क्यों?
डॉ. प्रशान्त राय विश्व भर में 2020 का वर्ष लगातार प्राकृतिक या यूँ कहें तो जैविक आपदावो से घिरा हुवा वर्ष साबित हो रहा है। पहले क़ोरोना नामक एक विषाणु पूरे विश्व पर क़ब्ज़ा किया और तमाम विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को धाराशाई कर दिया। दूसरी तरफ़ आसमानी …
Read More »क्या कोरोना युद्ध में असफल हो रही है सरकार ?
उत्कर्ष सिन्हा ये खबर लिखने के वक्त 64 दिन हो चुके हैं जब हमारे प्रधानमंत्री ने कोरोना से लड़ाई की शुरुआत की घोषणा जनता कर्फ्यू के साथ की थी । आज दो महीने 4 दिन बाद हालात और भी बदतर हो चुके हैं। शहरों में सिमटा कोरोना गावों तक पहुच …
Read More »क्या कोरोना बदल देगा राजनीति की दिशा ?
उत्कर्ष सिन्हा हर राजनीति का एक दौर होता है । हर संकट बदलाव लाता है । ये दो कथन एक दम सत्य है। इतिहास की कसौटी पर कसिएगा तो आप साफ देख पाएंगे कि राजनीति ने भी एक खास वक्त के बाद अपना केंद्र बदला है। उसके मुद्दे भी बदल …
Read More »बादशाह को बचाने के लिए मजदूरों पर निशाना !
सुरेन्द्र दुबे कोरोना के मामले अचानक बढ़ना शुरू हो गए है।संक्रमितों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच चुकी है और इससे मरने वालों की संख्या चार हजार के करीब पहुंच चुकी है।वैसे तो ये आंकड़े विश्व की तुलना में सुकून देने वाले है। हमें अपने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी …
Read More »कसौटी पर है संघ का योगदान
केपी सिंह कोरोना को लेकर देश के नाम अपने संबोधनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से कहा है कि दुनियां अब पहले जैसी नही रह गई है। जिसके मददेनजर हमें अपनी जीवन शैली बदलनी पड़ेगी। सादगी और आत्मनिर्भरता का अवलंबन करना होगा जिससे उनका आशय था कि उपभोक्तावाद का …
Read More »ये कोरोना काल है या कन्फ्यूजन काल ?
उत्कर्ष सिन्हा कोरोना की चपेट में आए हमे करीब दो महीने हो चुके हैं । इस बीच लगातार बहुत कुछ घट रहा है । वैसे तो वक़्त के चक्र में बहुत कुछ हमेशा ही घटता रहता है और उसके केंद्र में मौजूद कारक बदलते रहते हैं । इस व्यक्त घटित …
Read More »करोड़ों वेतनभोगियों की जिंदगी से जुड़ा बड़ा सवाल है ये
कुमार भवेश चंद्र इस सवाल पर सरकार की चुप्पी अधिक दिन नहीं रह पाएगी। इस सवाल पर उसे सोचना होगा। उसे करना ही होगा। क्योंकि यह सवाल करोड़ों घरों से उठने वाला है। अपनी बात शुरू करने से पहले मैं चाहूंगा कि आप सोशल मीडिया पर चल रहे इस पोस्ट …
Read More »रियायतों की खुशी के साथ जिम्मेदारी का अहसास भी जरूरी
कृष्णमोहन झा देश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए गत 55 दिनों से जारी लाक डाउन को चौथी बार बढा दिया गया है और अब यह 31 मई तक जारी रहेगा| गौरतलब है कि लाक डाउन 3.0की समय सीमा 17 मई तय की गई थी जिसके समाप्त होने …
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