जुबिली स्पेशल डेस्क नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम दिन रह गए है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि इन पांच राज्यों में से सबसे ज्यादा किसी राज्य की सबकी नजरे लगी है तो वो पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में …
Read More »ओपिनियन
इस बैठक के बाद क्या जलवायु कार्यवाई के लिए चीन और अमेरिका मिलायेंगे हाथ?
डॉ. सीमा जावेद चीन की साझा मेज़बानी वाली “मिनिस्ट्रियल ऑन क्लाइमेट एक्शन” (MoCA) में मंगलवार को हुई बहुपक्षीय वार्ता से उम्मीद है उसके आधार पर दुनिया के दो सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जकों, चीन और अमेरिका, के बीच अधिक विस्तृत कार्यवाही के लिए न सिर्फ एक अच्छी शुरुआत होगी, बल्कि पारस्परिक विश्वास …
Read More »तीरथ सिंह रावत के अजीबोगरीब बयान बढ़ाएंगे BJP की मुश्किलें
कृष्णमोहन झा लगभग एक सप्ताह पूर्व उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की बागडोर तीरथ सिंह रावत को सिर्फ इसलिए सौंपी गई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पिछले चार साल के कार्यकाल में लगातार विवादों में घिरते रहे जिनके कारण भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह चिंता सताने लगी …
Read More »विषाणुओं के दूसरे दौर में प्राकृतिक उपाय होंगे कारगर
डा. रवीन्द्र अरजरिया वर्तमान में जीवन के अनेक आयाम सामने आने लगे हैं। दैहिक बीमारियों का दावानल एक बार फिर अपना प्रकोप दिखाने लगा है। अनेक देशों सहित हमारे राष्ट्र में भी निरंतर विस्तार ले रहा है। सभी सरकारें अपने स्तर पर फिर से तैयारियों में जुट गई हैं। सावधानियां …
Read More »तमिलनाडु में इतनी मजबूर क्यों है भाजपा?
प्रीति सिंह देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दंभ भरने वाली भाजपा इस समय चुनावी मोड में है। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है, जिसमें वह जी-जान से लगी हुई है और जीत के दावे कर रही है। जहां असम में भाजपा दोबारा …
Read More »लापरवाही का नतीजा कोरोना की दूसरी लहर
कृष्णमोहन झा देश में कोरोना का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। कुछ राज्यों में तो कोरोना संक्रमितों की संख्या इतनी तेजी के साथ बढ़ रही है कि वहां के कुछ शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू करने के साथ ही शिक्षण संस्थाओं को पुनः बंद करने के आदेश जारी …
Read More »थोपी गई व्यवस्था सहने की मजबूरी
डा. रवीन्द्र अरजरिया देश की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का दावा करने वाली सरकारों ने नागरिकों के विश्वास को ठगने का हमेशा से ही प्रयास किया है। गुलामी के लम्बे काल ने स्वाधीनता के मायने कहीं गुम कर दिये हैं। लोग स्वतंत्रता और वास्तविक स्वतंत्रता में अंतर करना भूल गये …
Read More »अविमुक्त क्षेत्र से विस्थापित कर दिए गए शिव की रात्रि
अभिषेक श्रीवास्तव एक होती है मुक्ति। दूसरी विमुक्ति। इन दोनों के पार है अविमुक्ति। ये सिर्फ काशी में मिलती है। इसीलिए बनारस मने काशी को अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इस अविमुक्ति का सीधा संबंध भगवान अविमुक्तेश्वर से है। अविमुक्तेश्वर महादेव शिव के गुरु हैं। राजनीतिक शब्दावली में लिबरेटेड ज़ोन …
Read More »राहुल गांधी ने बयां किया सिंधिया को खोने का दर्द!
कृष्णमोहन झा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान के चतुर्थ कार्यकाल का प्रथम वर्ष आगामी 23 मार्च को पूर्ण होने जा रहा है परंतु राज्य में सत्ता परिवर्तन की पटकथा तो पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को ही लिख दी थी जब कांग्रेस के …
Read More »देश में एक साथ दो महाकुंभ
डा. रवीन्द्र अरजरिया वैदिक संस्कृति में उल्लेखित कर्म का सिद्धांत देश के राजनैतिक परिदृश्य में भी देखने को मिल रहा है। दलगत अखाडों के पहलवान ताल ठोक रहे हैं। जोर आजमाइश में हर तरह के दांव-पेंच अपनाये जा रहे हैं। चुनावी समर में जायज-नाजायज का अंतर मिट गया है। उपलब्धियों …
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