यशोदा श्रीवास्तव उम्मीद की जानी चाहिए कि पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह एक बेहतर और सर्वमान्य मुख्यमंत्री साबित होंगे. कैप्टन के बाद तमाम नामों पर चर्चा हुई लेकिन फैसला तीन बार के विधायक , कैप्टन सरकार में मंत्री और सरकार से बाहर रहते …
Read More »ओपिनियन
छोड़ना होगी विभाजन की मानसिकता
देश में दासताकालीन मनमाने निर्णयों को लागू करने का प्रचलन अभी बंद नहीं हुआ है। तालिबानी फरमानों की तर्ज पर केन्द्र के भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों को टोल प्लाजा पर शुल्क मुक्त यात्रा की सुविधा न देने की घोषणा करते हुए आदर्शों …
Read More »मैक मोहन के पिताजी ने लखनऊ में जिस बंगले को सरकार ने दिया था उसी को खरीद लिया
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ की मुकद्दस सरजमीं ने बॉलीवुड को अनेक मशहूर व मारूफ फनकार दिये हैं। उनकी कला के जलवे मौसिकी, अदाकारी, फिल्म निर्देशन , नगमानिगारी, कहानी लेखन व स्क्रिप्ट राइटरिंग में सर्वविदित हैं। आइये, लखनऊ में पले बढ़े फनकारों की आज की कड़ी में प्रस्तुत हैं सुप्रसिद्ध खलनायक …
Read More »हिन्दी दिवस पर विशेष : नेपाल में हिन्दी को लेकर चिंतित होना वक्त की मांग
यशोदा श्रीवास्तव आज हिन्दी दिवस है. इस खास दिन पर अपने देश में शुभकामनाओं की भरमार है वहीं अपने पड़ोसी देश नेपाल में हिन्दी की आत्मा भटक रही है. अचरज हो रहा होगा कि आखिर हम हिन्दी को लेकर पड़ोसी देश की चिंता क्यों कर रहे? नेपाल की राजनीतिक, सामाजिक …
Read More »व्यवसायिकता ने हिंदी को सर्कस का शेर बना दिया
नवेद शिकोह हिंदी हमारी मातृ भाषा भी है और राष्ट्र भाषा भी। विभिन्न भारतीय भाषाओं के जंगल की राजा हिंदी बेचारी सर्कस के शेर जैसी हो गई है। व्यवसायिकता ने इस पर बहुत अत्याचार किए हैं। हिन्दी अखबार और हिन्दी फिक्शन इंडस्ट्री (हिन्दी सिनेमा, टीवी धारावाहिक, विज्ञापन इत्यादि) हिन्दी भाषा …
Read More »अमेरिका की धरती पर आयोजित ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ के मायने
अफगानस्तान के ज्वलंत हालातों के मध्य चीन ने पर्दे के पीछे से हिन्दुओं पर प्रहार करने का एक नया षडयंत्र शुरू कर दिया है। हिन्दुओं को कट्टरपंथी मानते हुए अमेरिका के 50 से अधिक यूनीवर्सिटीज़ के छात्रों के एक समूह विशेष के तत्वावधान में सम्मेलन शुरू कराया गया है। ‘डिस्मेंटलिंग …
Read More »एक तस्वीर धुंधली ही सही,मगर यह भी है आज के अफगानिस्तान की
डॉ. श्रीश पाठक 1996 से लेकर 2001 तक के क्रूर घिनौने शासन में तालिबान ने जितना जनविरोध, प्रदर्शन नहीं देखा था, उससे अधिक पिछले तीन हफ्तों में उसे झेलना पड़ा है और ये रुकने का नाम नहीं ले रहे। तालिबान के मुताबिक जिन औरतों को बस बच्चा पैदा करना …
Read More »वैकल्पिक नहीं नेपाल को चाहिए स्थिर सरकार
यशोदा श्रीवास्तव नए प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा नेपाल को नई राह दिखाने की पुरजोर कोशिश में हैं। इसी के साथ पांच दलों के समर्थन से सत्ता तक आए देउबा सहयोगी दलों से बेहतर तालमेल बिठाने को भी प्रयास रत हैं। सरकार चलाने में अनुभवी देउबा गठबंधन के साइड इफेक्ट को लेकर …
Read More »माया,अखिलेश को किनारे कर ओवेसी पर क्यूँ फिदा हैं खबरिया चैनल
उत्कर्ष सिन्हा हैदराबाद के सांसद असददुद्दीन ओवैसी का जब भी यूपी दौरा होता है, उनके पीछे दिल्ली के खबरिया चैनलों के सीनियर रिपोर्टर्स की टीम भी आ जाती है। ओवेसी अखबारों में भले ही जगह न पाएं मगर टीवी के दर्शकों के लिए वे एक बड़ी खबर के तौर पर …
Read More »अर्थव्यवस्था में उछाल के बावजूद चुनौतियां अभी बाकी
कृष्णमोहन झा दुनिया में कोरोनावायरस के प्रकोप ने अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था जिनमें भारत भी शामिल था। कोरोना की पहली लहर के प्रकोप से छुटकारा मिलने के पूर्व ही भारत में दूसरी लहर दस्तक दे चुकी थी और दुर्भाग्य से दूसरी लहर की विभीषिका पहली लहर …
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