Saturday - 20 December 2025 - 3:33 AM

ओपिनियन

सफेदपोशों का लोकतंत्र

के.पी.सिंह लोकतंत्र को बहुमत का शासन कहा जाता है लेकिन यह भी दरअसल समाज के मुटठी भर सफेदपोश वर्ग जो कि वाचालता में निपुण होता है, का शासन होता है। कारगिल युद्ध में राजीव नजर आने लगे थे फरिश्ता दिलचस्प यह है कि सफेदपोशों को धारणाओं के मामले में गुलाट …

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मसूद की मुश्कें बांधना काफी नहीं, आतंक का खात्मा होना ज़रूरी

कृष्णमोहन झा संयुक्त राष्ट्र ने कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के सरगना मसूद अजरह को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। फ्रांस अमेरिका एवं ब्रिटेन के प्रस्ताव पर संयक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यह फैसला किया है। पिछले तीन बार से इस प्रस्ताव के विरूद्ध वीटो का प्रयोग करने वाले …

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इतिहास में क्‍यों दर्ज हुई 8 मई

राजेंद्र कुमार भारत में एक मई को मजदूर दिवस के रूप में जाना जाता रहा है। परन्तु अब इस माह की आठ तारीख को भी देश में याद रखा जायेगा। क्यों? यह हम बाद में बतायेंगें। पहले यह जाने। अपने देश में हरियाणा राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाके में …

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क्या मोदी तथ्यों से खिलवाड़ करते हैं

राजेन्द्र कुमार  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथ्यों से खिलवाड़ करते हैं। बीते करीब पांच वर्षों में हमने यही देखा-सुना है। महसूस किया है। बीते दिनों पीएम मोदी ने राजीव गांधी को जिस तरह से ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ कहा है, वह भी तथ्यों के साथ खिलवाड़ है। रही बात राजीव गांधी को …

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चीन की दूरगामी चाल हो सकती है मसूद प्रकरण से टैक्नीकल होल्ड हटाना

डा. रवीन्द्र अरजरिया भारत के कूटनैतिक प्रयासों ने सशक्त पडोसी चारों खाने चित्त हो गया। चीन को आखिरकार भारत के पक्ष में खडे विश्व समुदाय की एकजुटता के समक्ष झुकना ही पडा। टैक्नीकल होल्ड हटते ही संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की सरजमीं से आतंकवाद फैलाने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना …

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डेमोक्रेसी में समझदार होना भी ज़रूरी होता है 

शबाहत हुसैन विजेता नेता धर्मगुरुओं के तलवे चाट रहे हैं। गुंडे खादी पहनकर नेता बन रहे हैं। धर्मगुरू यह तौलने में लगे हैं कि किसके समर्थन से ज्यादा फायदा है। सड़कों पर रोड शो चल रहे हैं नेता और अभिनेता सब बिज़ी हैं। अभिनेता इंटरव्यू कर रहे हैं और पत्रकार …

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द्वंदात्मकता ! आदिम साम्यवाद से आधुनिक लोकतंत्र तक

के. पी.सिंह द्वंदात्मकता प्रकृति का चरित्र है। गुफा काल में जब उत्पादन के साधनों का आविष्कार नहीं हुआ था और माक्र्सवादियों के अनुसार उस समय आदिम साम्यवाद का समाज था, वर्ग संघर्ष की जड़ें उस दौर में भी खोजी जा सकती हैं। डा. अंबेडकर के अनुसार पौराणिक साहित्य में जिस …

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कौन रोकेगा नेताओ की बदजुबानी ?

कृष्णमोहन झा राज्य की विधानसभाओं और लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों से जिस आचार संहिता की इमानदारी से पालन करने की अपेक्षा की जाती है उसकी उपेक्षा और अनादर करने वाले नेता हर राजनीतिक दल की कमजोरी होते है। खेद की बात यह है कि राजनीतिक …

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चुनावी मैदान में तेजबहादुर और हाईकोर्ट का ये फैसला

केपी सिंह  खराब खाना दिये जाने की शिकायत की वजह से सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किये गये जवान तेज बहादुर के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में चुनावी ताल ठोके जाने की वजह से सियासी हालातों ने सनसनीखेज मोड़ ले लिया है। समाजवादी पार्टी ने इसके बाद …

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गठबंधन के साथ निजी रिश्ते को प्रगाढ़ करने पर नजर

  के. पी. सिंह बसपा के साथ चुनावी गठबंधन को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती के साथ निजी रिश्ते को भी परवान चढ़ाने में कोई कसर नही छोड़ रहे। विरोधी बार-बार प्रचार कर रहे हैं कि गठबंधन वक्ती है जिसकी काट के लिए अखिलेश द्वारा …

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