Friday - 19 December 2025 - 11:22 PM

ओपिनियन

अमेरिका की हरकत से माओवादी केंद्र में उबाल, ओली से की संज्ञान लेने की अपील

यशोदा श्रीवास्तव काठमांडू।भारतीय नागरिकों की ही तरह अमेरिका ने नेपाल के नागरिकों हथकड़ी और बेड़ियों के साथ नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नेपाल की ओली सरकार तो अमेरिका के इस हरकत पर खामोश है लेकिन प्रमुख विपक्षी दल माओवादी केंद्र ने इस पर नाराजगी जताई है …

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कैसे बचेगी NAAC ग्रेडिंग की प्रतिष्ठा !

प्रो. अशोक कुमार राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) प्रमाणन देश भर में उच्च संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा के मानक का मूल्यांकन करने का एक उपाय है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , यूजीसी , ने साल 1994 में एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय …

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मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग का सुप्रभात

संपत्तिया उइके मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस शुभ संकल्प का सुखद प्रतिफल है जो आज से सवा साल पहले पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने …

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संस्कृति एवं साहित्य में बेहद प्रगाढ़ता है काशी और द्रविड़ की

शशिकांत मिश्र भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत में काशी और द्रविड़ क्षेत्र की गहरी जड़ें हैं। काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत की सांस्कृतिक राजधानी मानी जाती है। यह न केवल सनातन धर्म और आध्यात्मिक चिंतन का केंद्र रही है, बल्कि साहित्य, संगीत, …

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इमोशंस की रात है शब-ए-बारात

शबाहत हुसैन विजेता शब-ए-बारात, गुनाहों से माफ़ी की रात। रूहों की आज़ादी की रात। अपने पुरखों और अज़ीज़ों के लिए अल्लाह से दुआ की रात। उर्दू महीने शाबान की 14 तारीख को होती है शब-ए-बारात। दुनिया भर के कब्रिस्तानों में सिर्फ यही एक रात होती है जब सबसे ज़्यादा रौनक …

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प्रयागराज में ज़मज़म और अमृत का संगम

नवेद शिकोह मज़हबी बहस मैंने की ही नहीं, फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं। धर्म क्या है मजहब किसे कहते, हमें ज़्यादा समझ तो थी ही नहीं। अकबर इलाहाबादी का शहर जिसे अब प्रयागराज नाम से जाना जाता है, यहां की बहुत सारी ख़ूबियां बेमिसाल हैं। सबसे मशहूर है …

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Shaheed Diwas 2025 : महात्मा गांधी को जवाब चाहिये

डॉ सीपी राय बहुत आश्चर्यचकित है हिंदुस्तान आज उन ताकतों के द्वारा महात्मा गांधी की माला जपने से जिनके आदर्शो ने आज से 77 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी की महज शारीरिक हत्या कर दी थी ,लेकिन बापू मरे नही. अपने विचारों और आदर्शो के साथ वो आज भी जिन्दा है …

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विरुद्ध है उच्च शिक्षा में समान पाठ्यक्रम

प्रो. अशोक कुमार शिक्षा एक मौलिक मानव अधिकार है , आर्थिक और सामाजिक प्रगति का एक प्रमुख चालक है। शिक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पेश की, जो देश में शिक्षा के विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा है। NEP 2020 …

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भविष्य के धार्मिक स्थलों का स्वरूप क्या होगा?

संदीप पाण्डेय हवाई अड्डों पर एक प्रार्थना कक्ष होता है। वहां यह नहीं लिखा रहता कि वह किसी खास धर्म का है। हम जिस धर्म को मानते हैं उसके अनुसार वहां प्रार्थना कर सकते हैं। यदि हम विभिन्न धर्मों को मानने वालों के बीच झगड़े खत्म करना चाहते हैं तो …

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एकत्र जातियों का अमृत कलश ‘महाकुंभ’

नवेद शिकोह एक जमाना था जब कुंभ में खो जाने का भय बना रहता था, पर आज का कुंभ इकट्ठा होकर मिल जाने की नज़ीर बन रहा है। दूरसंचार की क्रांति के बाद का ये महाकुंभ प्रयागराज के संगम पर लोगों को मिलवा रहा है, जातियों का भेद मिटा रहा …

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