Saturday - 10 May 2025 - 6:30 AM

ओपिनियन

चुनावीकाल में स्वाति प्रकरण की परिणति से उभरते प्रश्न

चुनावी दौर में राजनैतिक हलकों में जमकर मनमानियां होना शुरू गईं हैं। महिलाओं को सुरक्षा देने वाले आयोग की पूर्व अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री आवास में हुई कथित मारपीट की घटना को लेकर दलगत वातावरण में उफान आ गया है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की शिकायत …

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आवश्यक है वर्तमान की रोशनी में अतीत की समीक्षा

अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर देश की साख निरंतर बढती जा रही है। विश्व समुदाय के मध्य भारत की मौजूदा नीतियां शीर्षगामी हो रही हैं। ईरान के व्दारा विगत 17 अप्रैल को जप्त किये पुर्तगाली झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज के चालक दल के 17 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया था। …

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चुनावी समर में कूदे विदेशी महारथी

डा. रवीन्द्र अरजरिया देश के लोकसभा चुनावों पर पूरी दुनिया की नजर है। अनेक देश तो इन चुनावों को प्रभावित करने के लिए अपने स्तर पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष दखलनदाजी भी करने लगे हैं। पाकिस्तान ने तो खुलकर कांग्रेस के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। इमरान सरकार में केन्द्रीय सूचना और …

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राहुल के अमेठी सीट छोड़ने के मायने।

कृष्णमोहन झा एक लंबे समय तक सस्पेंस बनाए रखने के बाद कांग्रेस के नंबर दो नेता राहुल गांधी ने आखिरकार रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। उधर दूसरी ओर अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। गौरतलब है …

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कुलाधिपति से मिलने की बजाय काम पर ध्यान ज्यादा जरुरी है : एक कुलपति की अनकही कहानी

प्रो. अशोक कुमार  छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में कुलपति के पद पर मेरी  नियुक्ति के पहले मेरा एक इंटरव्यू इंटरेक्शन माननीय तत्कालीन राज्यपाल कुलाधिपति महोदय से हुआ था कुलाधिपति महोदय ने मुझसे कहा था यदि आपकी  नियुक्ति कानपुर विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर हो जाए तब आप मुझसे …

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अस्सी के बाद सत्तर के फेर में भाजपा

नवेद शिकोह पहले चरण के चुनाव में मतदाताओं का उत्साह ना देख भाजपा में बेचैनी लाजमी है। खासकर यूपी मे अस्सी की अस्सी सीटें जीतने का लक्ष्य असंभव सा दिख रहा, ऐसे में पिछले लोकसभा चुनाव में जीती 64 सीटें बचाने के लिए पार्टी चुनावी रणनीति को नई धार देने …

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स्वार्थ की जंग में राष्ट्रीयता की शहादत

डा. रवीन्द्र अरजरिया देश में चुनावी जंग जारी है। सभी राजनैतिक पार्टियां अपनी निर्धारित नीतियों-रीतियों के अलावा तात्कालिक हथकण्डे आजमाने में लगीं हैं। बंगाल का चुनावी इतिहास आतंक के साये में हमेशा से ही फलता-फूलता रहा है। कभी लाल सलाम का रंग चढता रहा तो कभी दीदी की दादागिरी चलती …

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महाविद्यालयों की संबद्धता के रोचक संस्मरण: एक कुलपति की अनकही कहानी

प्रो. अशोक कुमार प्रदेश के विश्वविद्यालय में एक सबसे मुख्य विषय होता है—“विश्वविद्यालय से महाविद्यालयों की संबद्धता”। एक समय एक महाविद्यालय ने मुझे अपने महाविद्यालय में किसी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया मैं विश्वविद्यालय से उस महाविद्यालय की ओर अग्रसर हुआ लेकिन कुछ दूरी जाने के …

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कट्टरता की कटार से मानवता की छाती भेदने की तैयारी

 डा. रवीन्द्र अरजरिया तीसरे विश्व युध्द की दस्तक होने लगी है। इजराइल का हमास के साथ हो रहे युध्द का विस्तार अब ईरान तक पहुंच गया है जिसमें दुनिया के देश दो खेमों में बटते जा रहे हैं। दुश्मन के दुश्मनों ने भी दोस्त बनकर कमर कसना शुरू कर दी …

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वैश्विक संकट में डॉ अंबेडकर की धम्म की चर्चा

रिपु सूदन सिंह इस अभूतपूर्व वैश्विक संकट मे डॉ अंबेडकर की धम्म की अवधारणा पर चर्चा सामयिक प्रतीत होती है। संपूर्ण विश्व 14 अप्रैल 2020 को उनकी 133वी जयंती मनाएगा। डॉ अम्बेडकर ने 1956 में एक ऐसा कदम उठाया जो भारत के अनंत इतिहास में अनोखा है। डॉ अंबेडकर ने …

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