जुबिली न्यूज डेस्क
भारत के डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए आज का दिन बेहद खास है. आज भारत के डिफेंस सेक्टर में निजी भागीदारी को बड़ा बूस्ट मिलने वाला है. अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे. इसके लिए वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के साथ मिलकर निजी क्षेत्र के इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे.
भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे, जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे. इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी ‘टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड’ की होगी.
वायुसेना को स्वदेश में तैयार पहला परिवहन विमान C-295 सितंबर 2026 में मिलेगा. C-295 ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है क्योंकि यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी. अक्टूबर 2022 में पीएम मोदी ने वडोदरा में फाइनल असेंबली लाइन की नींव रखी थी.
टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स…देश में मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाने जा रही प्राइवेट सेक्टर की पहली FAL होगी. टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में मैन्युफैक्चरिंग से लेकर असेंबली, टेस्ट और क्वालिफिकेशन से लेकर डिलीवरी और मेंटेनेंस तक… यानी एयरक्राफ्ट के पूरे जीवनकाल का एक इकोसिस्टम तैयार किया गया है.
पहला एयरक्राफ्ट 2026 तक मिलेगा
टाटा के अलावा सरकारी और निजी क्षेत्र की कई कंपनियां C-295 प्रोग्राम में अपनी भूमिका अदा करेंगी. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनैमिक्स लिमिटेड जैसी PSUs इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं. वडोदरा स्थित टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में C-295 विमान बनाने का काम इसी साल से शुरू हो जाएगा.
पहला एयरक्राफ्ट 2026 तक डिलीवर होने की उम्मीद है. अगस्त 2031 तक सभी 40 एयरक्राफ्ट की डिलीवरी पूरी हो जाने का अनुमान है. यह भारत की पहली सैन्य विमान परियोजना है, जो निजी क्षेत्र की सहभागिता से देश के एरोस्पेस उद्योग को सशक्त बनाएगी. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
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C-295 विमान की खासियत
1960 के दशक के एसएस 748 एवरों विमान को बदलने के लिए,
हवाई परिवहन अभियानों के लिए नई पीढ़ी का विमान
9.5 टन का पेलोड आधुनिक तकनीक और बेहतर एवियोनिक्स के साथ
निजी कंपनी द्वारा निर्मित भारत का पहला सैन्य विमान
पहले 16 विमान: 8 फीसदी स्वदेशी सामग्री
अगले 24 विमान: 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री