जुबिली पोस्ट डेस्क
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत इसके गुनहगार यानी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करना चाहता है। इस कोशिश में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों ने भारत का साथ भी दिया।
चीन ने लगातार चौथी बार भारत की इस कोशिश को रोक आतंकी मसूद को बचाया है। इस घटना के बाद से ही देशभर के लोगों में चीन के प्रति गुस्सा है। इसी के मद्देनजर भारत में होलिका दहन से पहले चीनी सामान को जलाया गया है।
आज पूरे देश में व्यापारियों ने चीनी सामान को जलाया। व्यापारियों ने देश के कई छोटे- बड़े बाजार में चीनी खिलौने, मोबाइल फोन, सीसीटीवी कैमरा, फुटवियर, कपड़ों और अन्य सामानों को जलाकर चीन के प्रति विरोध जताया है। दिल्ली में भी व्यापारियों ने चीनी सामान को जलाया है। इसके साथ ही भारत में चीन के सामान को बॉयकॉट करने की मांग भी उठ रही है।
चीन का क्या कहना है ?
भारतीयों के ऐसा करने की जानकारी मिलते ही अब चीन का बयान भी सामने आया है। यहां के अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारीय को पसंद हो या नहीं उन्हें चीनी सामान का इस्तेमाल तो करना होगा। इसमें लिखा है कि भारत का विनिर्माण उद्योग अभी भी अविकसित है और इसमें प्रतिद्वंद्विता की क्षमता नहीं है। इसी वजह से यहां ‘बॉयकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट्स’ मुहिम असफल हो गई है।
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े इस अखबार में कहा गया है कि ‘कुछ भारतीय विश्लेषक मेड इन चाइना सामान के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। विशेष तौर पर तब से जब से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को यूएन में चीन द्वारा रोका गया है। ट्विटर पर हैशटैग बॉयकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट्स भी काफी लोकप्रिय रहा। लेकिन इतने सालों में ये बहिष्कार कितना सफल हुआ? ये इसलिए क्योंकि भारत खुद सामान का उत्पादन नहीं कर सकता है।’
इस लेख में कहा गया है कि लोगों का ध्यान चीन की ओर भटकाने से देश के भीतर की समस्याएं हल नहीं होंगी। इस अखबार ने देश के नेताओं से कहा है कि ट्विटर पर नारे लगाने की बजाय देश को मजबूत करें।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अब समय आ गया है जब चीन को पाकिस्तान का साथ देने के लिए और हर तरह से पाकिस्तान की मदद करने, जो भारत के विरुद्ध काम आती है, की कीमत चुकानी पड़ेगी।