Sunday - 14 January 2024 - 10:33 AM

भाजपा को कितना सहारा दे पायेगा बॉलीवुड

प्रीति सिंह

बॉलीवुड सितारों की चमक से राजनीतिक दल चुनावों में अपनी किस्मत चमकाते रहे हैं। कांग्रेस हो या बीजेपी, किसी को फिल्मी हस्तियों से परहेज नहीं रहा है। हर चुनाव में बॉलीवुड का तड़का लगता रहा है। इस चुनाव में भी बॉलीवुड की चकाचौध हावी है।

बॉलीवुड पर राजनीतिक दलों को इतना भरोसा है कि बीजेपी जैसी पार्टी बॉलीवुड के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने में लगी हुई है। शायद इसीलिए यूपी से लेकर पंजाब तक बॉलीवुड के ग्लैमर के भरोसे चुनाव जीतने का सपना देख रही है। फिलहाल भाजपा को बॉलीवुुड कितना सहारा दे पायेगी यह तो आने वाला समय बतायेगा लेकिन कई सीटों पर राह इतना आसान नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बॉलीवुड हस्तियों को टिकट दिया है। बीजेपी ने हिंदी फिल्मों के अभिनेता-अभिनेत्री, सिंगर के साथ-साथ भोजपुरी के भी स्टार पर भरोसा जताया है। मंगलवार को बीजेपी ने अभिनेता सनी देओल को पार्टी की सदस्यता दिलाई तो वहीं मशहूर सिंगर हंसराज हंस को बीजेपी ने उत्तरी पश्चिमी दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है।

इसके पहले पार्टी मथुरा से अभिनेत्री हेमा मालिनी, गोरखपुर से रवि किशन, रामपुर से अभिनेत्री जया प्रदा, आजमगढ़ से भोजपुरी स्टार निरहुआ, आसनसोल से सिंगर बाबुल सुप्रियो को टिकट दे चुकी है। ये सभी लोग मैदान में हैं।

सनी देओल के सहारे पंजाब में सियासी जमीन बचाने की कोशिश

सनी देओल ने मंगलवार को बीजेपी की सदस्यता ली। सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी सनी देओल को पंजाब के गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारेगी। गुरदासपुर से 2014 में विनोद खन्ना चुनाव लड़े थे। दरअसल बीजेपी देओल के सहारे पंजाब में अपनी सियासी जमीन बचाने की फिराक में है। सनी का पंजाब से कनेक्शन है। उनके पिता धर्मेन्द्र पंजाब में ही पैदा हुए थे। उनके पिता 2008 में बीजेपी के सांसद रहे हैं। उनकी मां हेमा मालिनी मथुरा से सांसद हैं।

यह सीट भारत और पाकिस्तान सीमा के नजदीक होने के कारण इस सीट का सामरिक महत्व भी है। अक्सर बॉर्डर पर रावी के रास्ते घुसपैठ की घटनाएं होती रहती हैं। इस हलके पर अधिकतर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। इस दबदबे को खत्म करने के लिए भाजपा को फिल्म स्टार विनोद खन्ना को चुनाव मैदान में उतारना पड़ा था।

विनोद खन्ना चार बार यहां से सांसद बने। 2017 में उनके निधन के बाद भाजपा ने कारोबारी स्वर्ण सलारिया को मैदान में उतारा। उन्हें कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने बड़े अंतर से हराया। फिलहाल सनी के ग्लैमर के सहारे बीजेपी इस सीट पर एक बार वापसी करना चाह रही है।

 हंसराज हंस के सहारे आरक्षित सीट पर ग्लैमर का तड़का

बीजेपी ने सिंगर हंसराज हंस को उत्तरी पश्चिमी दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। हंसराज हंस को बीजेपी के मौजूदा सांसद उदित राज की जगह टिकट दिया गया है। दरअसल उत्तरी पश्चिमी दिल्ली आरक्षित सीट है। इस सीट से आम आदमी पार्टी ने गुग्गन सिंह को तो कांग्रेस ने राजेश लिलोठिया को टिकट दिया है।

उत्तरी पश्चिमी दिल्ली आरक्षित सीट है। यहां हंसराज हंस के ग्लैमर के भरोसे बीजेपी एक बार फिर इस सीट पर कब्जा जमाना चाहती है। इस सीट से 2014 में भाजपा ने दलित चेहरे के रूप में उदित राज को टिकट दिया था, जो जीतकर लोकसभा भी पहुंचे थे।

बीते पांच सालों में ऐसे कई मौके आए जब उदित राज ने मोदी सरकार के खिलाफ जाकर बयानबाजी की। उदित राज के बगावती तेवर की वजह से बीजेपी ने उनसे किनारा किया। इसके अलावा हंसराज हंस को टिकट देने के पीछे उनका दलित परिवार में जन्म लेना और उनका ग्लैमर भी है। बेहद गरीब दलित परिवार में जन्में सिंगर हंसराज हंस सालों के संघर्ष के बाद गायकी की दुनिया में अपना नाम कमाया है। हंस ने वर्ष 2016 में बीजेपी ज्वाइन की थी।

देश की कुल 543 लोकसभा सीट हैं। इनमें से 80 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 80 सीटों में से बीजेपी ने 41 सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि बाद में मध्य प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट के उपचुनाव में हार जाने के चलते फिलहाल उसकी 40 सीटें हैं।

रवि किशन बचायेंगे योगी की प्रतिष्ठा

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर संसदीय सीट पर बीजेपी ने भोजपुरी स्टार रवि किशन को मैदान में उतारा है। इस सीट से योगी की प्रतिष्ठा जुड़ी है। 2018 के उपचुनाव में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी। फिलहाल बीजेपी रवि किशन के ग्लैमर के भरोसे चुनाव जीतने का दावा कर रही है। रवि किशन के साथ एक और फैक्टर है, वह है उनका ब्राह्मण होना। बीजेपी का गोरखपुर में ब्राह्मïण कार्ड कितना कामयाब होगा यह तो 23 मई को पता चलेगा लेकिन गोरखपुर में ग्लैमर का जादू कभी नहीं चला है।

अखिलेश को चुनौती के लिए मैदान में बीजेपी ने निरहुआ को उतारा

आजमगढ़ संसदीय सीट पर सपा उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को उतारा है। निरहुआ को मैदान में उतारने के पीछे यादव वोट बैंक है। इसके अलावा निरहुआ का इलाका भी यही है। आजमगढ़ से सटे गाजीपुर जिले में इनका गांव है।

भोजपुरी इलाका होने की वजह से इस क्षेत्र में निरहुआ का क्रेज बहुत है, खासकर युवाओं में। यादव वोट बैंक और युवाओं का वोट कितना निरहुआ के पक्ष में आता है ये परिणाम आने के बाद पता चलेगा लेकिन आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश को चुनौती दे पाना भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव के लिए आसान नहीं होगा।

 

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