Saturday - 6 January 2024 - 7:39 PM

बिलकिस बानो गैंगरेप का दोषी, BJP सांसद-विधायक के साथ मंच किया साझा

जुबिली न्यूज डेस्क 

बिलकिस बानो अभी भी इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हैं लेकिन उनके साथ रेप करने वाले मौज में हैं.बिलकिस बानो गैंगरेप केस में जेल से रिहा हुए 11 दोषियों में से एक शैलेश भट्ट फिर चर्चा में हैं. शैलेश भट्ट गुजरात सरकार के एक कार्यक्रम में मंच पर हाल ही में दिखाई दिए. शैलेश भट्ट जब मंच पर थे, तब उनके साथ बीजेपी सांसद जसवंत सिंह भाभोर और विधायक शैलेश भाभोर भी मौजूद थे.

ये कार्यक्रम शनिवार को दाहोद में हुआ था.

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि शैलेश मंच में आगे की कतार में ही बैठे हुए हैं. मंच के पीछे जो बैनर लगा हुआ है, उसमें पीएम मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तस्वीर लगी हुई है.खबरों के मुताबिक बिलकिस गैंगरेप केस के दोषी शैलेश भट्ट जेल से निकलने के बाद से ही इलाक़े में चर्चा में रहते हैं.

मीडिया से बात करते वक्त शैलेश भट्ट ने कहा, ”ये एक पब्लिक इवेंट था जिसमें मैं शामिल हुआ था. इसके अलावा मुझे कुछ नहीं कहना.”हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में विधायक शैलेश भाभोर का बयान छापा गया है. इस बयान के मुताबिक़, विधायक ने कहा, ”मैं कार्यक्रम में इतना व्यस्त था कि जान नहीं पाया कि मंच पर कौन बैठा है. चाहे फिर वो शैलेश भट्ट हों या कोई और.

ये बेरहम सरकार जो इंसाफ़ का मज़ाक उड़ाती है

दाहोद प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि शैलेश भट्ट को किसने कार्यक्रम में बुलाया था. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ”बिलकिस बानो के बलात्कारी गुजरात बीजेपी सांसद और विधायक के साथ मंच साझा कर रहे हैं. मैं इन दैत्यों को फिर से जेल में देखना चाहती हूं. ये बेरहम सरकार जो इंसाफ़ का मज़ाक उड़ाती है, मैं चाहती हूं कि ये सत्ता से बाहर हो. मैं चाहती हूं कि भारत अपने नैतिक मूल्यों को फिर से हासिल करे.”

जानें क्या था मामला

बीते साल अगस्त में बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया था.ये 11 लोग साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्र-क़ैद की सज़ा काट रहे थे और गोधरा जेल में बंद थे.

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गुजरात सरकार ने ये फ़ैसला ऐसे समय पर लिया था जब केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जून के महीने में एक चिट्ठी लिखी थी, उसमें ये कहा गया था कि उम्र-कै़द की सज़ा भुगत रहे और बलात्कार के दोषी पाए गए क़ैदियों की सज़ा माफ़ नहीं की जानी चाहिए.

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