जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली – एयर इंडिया के भीषण विमान हादसे को दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन दुर्घटना की असली वजह अब तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस हादसे में 242 लोगों की जान चली गई थी, जबकि सिर्फ एक यात्री को जीवित बचाया जा सका था। अब ताज़ा जांच में इस ओर इशारा मिला है कि हादसे के वक्त दोनों इंजन फेल हो गए थे, जिससे विमान की बिजली व्यवस्था भी ठप पड़ गई।
हादसे की जांच में क्या सामने आया?
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया की संयुक्त टीम ने हादसे के बाद की परिस्थितियों को सिम्युलेटर में दोहराया। परीक्षण में पाया गया कि अगर केवल लैंडिंग गियर खुला हो और विंग फ्लैप्स बंद हों, तब भी विमान गिरने जैसी स्थिति नहीं बनती। इससे साफ हुआ कि दुर्घटना के पीछे कोई और गंभीर तकनीकी खामी रही होगी।
क्या इंजन फेल होने की पुष्टि हुई?
जांच के दौरान यह सामने आया कि हादसे से ठीक पहले विमान का इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गया था। यह सिस्टम केवल तभी चालू होता है जब दोनों इंजन एक साथ फेल हो जाते हैं और विमान की मुख्य बिजली सप्लाई बंद हो जाती है। इससे यह आशंका गहराई है कि दुर्घटना के समय पूरे एयरक्राफ्ट में पॉवर सप्लाई बाधित हो गई थी।
लैंडिंग गियर और विंग फ्लैप्स पर भी उठे सवाल
विमान के टेकऑफ का वीडियो फुटेज बताता है कि विमान हवा में ठीक से ऊंचाई नहीं पकड़ पाया और टेकऑफ के कुछ ही सेकंड में जमीन पर गिर पड़ा। सिम्युलेटर टेस्ट में यह भी पता चला कि लैंडिंग गियर आधा मुड़ा हुआ था लेकिन उसके दरवाजे नहीं खुले थे। यह स्थिति हाइड्रोलिक सिस्टम फेलियर या इलेक्ट्रिक पावर लॉस की ओर इशारा करती है।
ब्लैक बॉक्स बना आखिरी उम्मीद
फिलहाल हादसे के ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और वॉयस रिकॉर्डर की जांच जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन रिकॉर्डिंग्स से आखिरी कुछ मिनटों की गतिविधियों का स्पष्ट ब्यौरा मिल सकता है, जो दुर्घटना के कारणों को पूरी तरह उजागर कर सकता है।
अब तक आधिकारिक बयान नहीं
हालांकि एयर इंडिया और AAIB की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है, लेकिन जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब पूरा ध्यान तकनीकी फेलियर और इंजन बंद होने की संभावना पर केंद्रित है।
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242 लोगों की जान लेने वाले इस हादसे ने एयर सेफ्टी को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जांच में जहां फ्लैप्स और लैंडिंग गियर को लेकर संदेह था, वहीं अब मामला इंजन फेलियर और इलेक्ट्रिक सिस्टम के अचानक बंद होने की ओर जाता दिख रहा है। ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट जैसे-जैसे सामने आएगी, हादसे की असली वजह भी सामने आ सकेगी।