जुबिली स्पेशल डेस्क
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद मोदी सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर टिकी हैं सबकी निगाहें।
हालांकि भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद का नामोनिशान मिट नहीं जाता, तब तक भारतीय कार्रवाई जारी रहेगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्ष के नेताओं को सरकार की रणनीति और इरादों से अवगत कराया गया।
बैठक में सरकार ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया। साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि अगर पाकिस्तान ने कोई दुस्साहसिक कदम उठाया, तो भारत चुप नहीं बैठेगा।
बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम स्थिति को और अधिक नहीं बिगाड़ना चाहते, लेकिन अगर पाकिस्तान ने कोई हरकत की, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”
यह बैठक बीते 36 घंटों के भीतर घटित घटनाक्रमों की जानकारी साझा करने के उद्देश्य से बुलाई गई थी।
इसमें विपक्ष के प्रमुख नेता जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कई अन्य दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सरकार की ओर से यह भी संकेत मिला कि यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले समय में पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की कार्रवाई और तेज की जा सकती है।सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बैठक में हमने सुना कि उन्हें (केंद्र को) क्या कहना था. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ गोपनीय जानकारी बाहर साझा नहीं की जा सकती. हमने उनसे कहा कि हम सभी सरकार के साथ हैं.।
बैठक के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमने सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया है. जैसा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, उन्होंने (सरकार ने) कहा कि कुछ चीजें हैं जिन पर हम चर्चा नहीं करना चाहते हैं। ”
AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक के बाद कहा, “मैंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए अपने सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की है. मैंने यह भी सुझाव दिया कि हमें रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ एक वैश्विक स्तर पर अभियान चलाना चाहिए। ”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को अमेरिका से इसे (TRF) आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का अनुरोध करना चाहिए। हमें FATF में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट करने के लिए भी प्रयास करना चाहिए।”