जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जिलाधिकारी (DM) मंगला प्रसाद सिंह ने एक सख्त और चौंकाने वाला कदम उठाते हुए एक साथ 18 लेखपालों को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और गलत प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में की गई। निलंबन का यह कदम जिले में प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बन गया है।
जानें पूरा मामला
हरदोई में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। इन प्रमाण पत्रों की वैधता और सटीकता की जिम्मेदारी संबंधित लेखपालों पर होती है। हाल ही में, भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुछ प्रमाण पत्रों की शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसके बाद DM मंगला प्रसाद सिंह ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए।
जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं:
गलत प्रमाण पत्र जारी करना: 18 लेखपालों ने मनमाने ढंग से आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी किए, जो तथ्यों से मेल नहीं खाते थे। कुछ मामलों में, आवेदकों की वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज कर गलत जानकारी दर्ज की गई।
भर्ती प्रक्रिया में पक्षपात:
जांच में पाया गया कि कुछ लेखपालों ने निजी लाभ या दबाव के चलते गलत प्रमाण पत्र जारी किए, जिससे अयोग्य उम्मीदवारों को भर्ती में लाभ मिला।
प्रमाण पत्रों का निरस्तीकरण: जांच के बाद 21 प्रमाण पत्रों को अवैध और गलत पाया गया, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
DM की कार्रवाई:
DM मंगला प्रसाद सिंह ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से 18 लेखपालों को निलंबित कर दिया। निलंबन के साथ-साथ, इन लेखपालों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही पर अंकुश लगाना है।
एक साथ इतने बड़े पैमाने पर लेखपालों का निलंबन जिले के प्रशासनिक हलकों में अभूतपूर्व है। इससे अन्य कर्मचारियों में भी सतर्कता बढ़ी है।
स्थानीय लोगों ने DM की इस कार्रवाई की सराहना की है। कई लोगों का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
अभी तक निलंबित लेखपालों की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ सूत्रों के अनुसार, वे इस कार्रवाई को चुनौती दे सकते हैं।
निलंबित लेखपालों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में उनकी भूमिका और गलत प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी।यदि जांच में लेखपालों की संलिप्तता सिद्ध होती है, तो उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई, जैसे बर्खास्तगी या कानूनी कार्रवाई, हो सकती है। DM ने सभी तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में प्रमाण पत्र जारी करने में पूरी सावधानी बरती जाए और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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DM मंगला प्रसाद सिंह की इस कार्रवाई ने हरदोई में प्रशासनिक अनुशासन और पारदर्शिता को मजबूत करने का संदेश दिया है। यह कदम न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त रुख को दर्शाता है, बल्कि अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।