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B’DAY SPL : क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में हिट थे माही

जुबिली स्पेशल डेस्क

उसे भारतीय क्रिकेट का सफल कप्तान कहा जाता है। उसके नाम पर फिल्म भी बन चुकी है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उसकी कप्तानी बेमिसाल रही है। दबाव में उसका खेल और निखर जाता है।

देश-विदेश में उसके खेल का डंका बजता था। जब वो शिखर पर था तो उसकी चर्चा भारत ही नहीं विदेशों में होती थी।  उसकी कप्तानी में भी रिकॉर्ड पुरुष सचिन का सपना भी सच हुआ। भारतीय टीम 1983 के बाद विश्व कप भी उसी की कप्तानी में जीता है।

भारत को अपनी कप्तानी में दो विश्व कप और तीन आईसीसी जिताने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को उम्मीद के मुताबिक बीसीसीआई शानदार विदाई नहीं दे सका। धोनी ने अपना 41वां जन्मदिन लंदन में मनाया है। उनकी पत्नी साक्षी ने उनके केक काटने का वीडियो शेयर किया है और सभी दोस्तों के साथ फोटो भी शेयर की है, जिसमें ऋषभ पंत भी दिखाई दे रहे हैं। हालांकि धोनी ने  आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 2020 की शाम को अचानक से धोनी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

 

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साल 2007 में माही को टीम इंडिया की कमान मिली थी। इसके बाद उन्होंने सफलाओं को अंबार लगा दिया था। टी-20 विश्व, 50-50 ओवर विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और टेस्ट में नम्बर वन टीम बनाने में धोनी का सबसे बड़ा योगदान है। धोनी से साल 2004 में क्रिकेट में कदम रखा था।

धोनी ने 2008 में टेस्ट कप्तानी संभाली और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड पर यादगार सीरीज जीत दर्ज की दिसंबर 2009 में भारत टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बन गया।

हालांकि साल 2011 और 2012 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टीम इंडिया को कड़ी पराजय झेलनी पड़ी। ये वहीं दौर था जब टीम इंडिया लगातार आठ टेस्ट में हारी थी।

इस हार की वजह से भारत नम्बर एक से हट गया था लेकिन 2013 में ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में 4-0 से धोया और फिर उसी साल अजेय रहते हुए इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती और अगले साल वल्र्ड टी-20, world कप के फाइनल में पहुंचे।

कप्तानी के मामले में उन्होंने 60 टेस्ट, 200 वन डे और 72 टी-20 में देश के लिए कप्तानी की है। इतना ही नहीं उनकी कप्तानी में भारत ने 27 टेस्ट,110 वन डे, 41 टी-20 मुकाबलों में जीत दर्ज की है।

ओवरऑल धोनी ने 350 वन डे मुकाबले में 50.58 की औसत 10773 रन बनाये हैं। इस दौरान उन्होंने दस शतक भी लगाये हैं। ऐसे में क्रिकेट प्रेमियों के जहन में ये बात कौंध रही है कि आखिर क्यों धोनी संन्यास का ऐलान किया। अगर संन्यास लेने भी धोनी चाहते थे तो क्या उन्हें बीसीसीआई एक शानदार विदाई नहीं दे सकता था।

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