Saturday - 13 January 2024 - 5:22 AM

बरेली में मिले बांग्लादेशी और कश्मीरियों के छिपे होने की खबर, खुफिया तंत्र रहा फेल

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है। दरअसल यहां के कैंट इलाके में मारिया फ्रोजन मीट फैक्टरी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।

बताया जा रहा है कि यहां पर दो बांग्लादेशियों के साथ-साथ यहां पर 50 से ज्यादा ऐसे कश्मीरी काफी समय से काम कर रहे हैं जिनका अब तक कोई सत्यापन नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक यहां की दो फ्रोजन मीट फैक्टरी में इस तरह काम करने वाले लोगों का सत्यापन न होने से अब बरेली पुलिस में हड़कम्प मचता नजर आ रहा है।

इसके साथ खुफिया तंत्र भी पूरी तरह से फेल कहा जायेगा क्योंकि हाल में ही यहां से बांग्लदेश के दो नागरिकों को भी पकड़ा गया था जो फर्जी तरीके से यहां पर रह रहे थे। ऐसे में अब कश्मीरियों के रहने की खबर से पूरे बरेली में सनसनी इसलिए फैल गई क्योंकि इन कश्मीरियों का अब तक सत्यापन नहीं कराया गया है और इस मामले में खुफिया तंत्र अब तक बेखबर रहा है।

घुसपैठियों का नेटवर्क की तलाश

उधर पुलिस अब घुसपैठियों का नेटवर्क तलाश रही है। इतना ही नहीं बरेली के दो ठेकेदारों से कड़ी पूछताछ की जा रही है जिनके सहारे घुसपैठियों ने यहां पर कदम रखा है।जिसके लिए वह ठेकेदारों से पूछताछ करने के अलावा छापेमारी भी कर रही है। इसके साथ ही इन घुसपैठियों का ठेकेदारों से क्या कनेक्शन है इसकी भी जांच की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदारों के जरिए आरोपितों को मीट फैक्ट्री में एंटी मिली तो प्रदेश के कई शहरों की मीट फैक्ट्रियों में लेबर सप्लाई का काम करते है। अलीगढ़ में भी ठेकेदारों द्वारा लेबरों की बड़ी खेप खपाई गई है।

अवैध रूप से सीमा पार कर उत्तरप्रदेश में एंट्री और फिर फैक्ट्रियों में काम। आखिर घुसपैठिये ठेकेदारों के संपर्क में सीधे किसके जरिए आते थे। एटीएस इसकी कड़ी दर कड़ी जोड़ रही है। एटीएस ने दोनों ठेकेदारों से भी मामले में पूछताछ की है।

पुसिल को पता है कि इन लोगों का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है। उधर मामला तब प्रकाश में आया जब बांग्लादेशियों के दो लोगों की यहां से गिरफ्तारी हुई है।

बता दें कि अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी आले मियां और अब्दुल शकूर उर्फ गनी दो महीने से नकटिया की मीट फैक्टरी में नौकरी कर रहे थे। इतना ही नहीं दोनों का किसी तरह का सत्यापन भी नहीं हुआ था। इसके बाद यूपी एटीएस ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए दोनों को 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद फैक्टरी प्रबंधन पर भी कई सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि बरेली आने के बाद ही दोनों ने फर्जी तरीके से यहां पर अपना पहचान पत्र और पैन कॉर्ड को बनवाया था और फिर फैक्टरी में किसी तरह से नौकरी हासिल कर ली थी। दोनों ने फर्जी तरीके से भारत में आये थे और भारत में घुसे थे इसलिए किराये पर कमरा लेकर रहने के बजाय दोनों फैक्टरी परिसर में ही रहते थे।

बरेली से आले मियां और अब्दुल शकूर उर्फ गनी की गिरफ्तारी 26 जुलाई को लखनऊ में गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी मोहम्मद नूर से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर की गई। पुलिस ने जांच में पाया है कि आले मियां और अब्दुल शकूर करीब तीन महीने बरेली पहुंचे थे और गलत तरीके से यहां पर नौकरी कर रहे थे।

पुलिस के अनुसार पकड़े गए एक पैकिंग का काम करता था और दूसरा मांस की सफाई करता था। रहबर फूड्स के जीएम निसार मूसा ने इस मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि आले मियां और अब्दुल शकूर करीब दो महीने पहले आए थे। उनके पास आधार कार्ड नहीं थे, दोनों ने कुछ दिन बाद आधार कार्ड देने को कहा था। उनकी बात पर यकीन कर उन्हें नौकरी दे दी गई थी।

उधर इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब यहां की दोनो फैंक्टरी में कश्मीरी युवकों के काम करने की सूचना मिली है लेकिन बड़ी बात यह है कि इन कश्मीरियों का न सत्यापन कराया गया है न पुलिस को उनके बारे में कोई सूचना दी गई है।

बरेली से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि यहां पर मीट फैक्टरियों में काम कर रहे कश्मीरियों ने स्लॉटर हाउस के आसपास मोहनपुर और ठिरिया गांवों में किराये पर मकान ले रखे हैं। कैंट जैसे संवेदनशील इलाके में उनकी मौजूदगी से पूरे बरेली में सनसनी फैल गई और इसकी कोई ठोस जानकारी पुलिस के पास भी नहीं है और न ही इन कश्मीरियों का कोई रिकॉर्ड है।

उधर कश्मीरी काम करने की बात अब दोनों फैक्टरियों का प्रबंधन भी स्वीकार कर ली है और कहा है कि जल्द सत्यापन करायेंगे। रहबर फूड्स के जीएम निसार मूसा का कहना है कि कश्मीरी कर्मचारियों का वह जल्द ही सत्यापन करा लेंगे। मारिया फ्रोजन के प्रबंधक ईशान खान ने कहा कि फैक्टरी में कुछ कर्मचारी कश्मीरी हो सकते हैं। यह जानकारी नहीं है कि सिक्योरिटी कंपनी ने उनका सत्यापन कराया है या नहीं।

उधर इंस्पेक्टर कैंट राजीव सिंह का बयान सामने आ रहा है और उन्होंने कहा है कि दोनों मीटर फैक्टरियों में करीब 50 कश्मीरियों के काम करने की बात सामने आ रही है और अब इनके सत्यापन कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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