जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने के बाद भी हालात समान्य होने का नाम नहीं ले रहे हैंं। अब भी वहां पर डर का माहौल है और अब तक हिंसा में सैकड़ों लोगों की जा चुकी है। प्रदर्शनकारी अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
कई हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया और अब भी उनकी जान को खतरा बताया जा रहा है। भले ही बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया हो लेकिन इसके बावजूद वहां की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है। भारत बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी नजर बनाये हुआ है।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठï नेता और सांसद शशि थरूर ने अब कड़ी प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने कहा है कि भारत में लोगों के लिए तब उदासीन रहना मुश्किल है, जब बांग्लादेश के साथ देश की दोस्ती के हर प्रतीक पर वहां हमला हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह देखना दुखद है कि जिसे लोकतांत्रिक क्रांति के रूप में सराहा गया था, वह अराजकता में बदल गया है और अल्पसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हिंसा की जा रही है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, यह बेहद दुखद है… अल्पसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हिंसा की जा रही है… हमें भारत में इन लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए।
थरूर ने कहा, “भारतीय सैनिकों के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है. भारतीय सांस्कृतिक केंद्र को नष्ट कर दिया गया है, इस्कॉन मंदिर सहित कई संस्थानों में तोड़फोड़ की गई है।
ये सभी चीजें भारत के लोगों के लिए बहुत नकारात्मक संकेत हैं. इस तरह से सामने आना बांग्लादेश के हित में भी नहीं है। ” उन्होंने कहा कि बेशक वहां लोकतंत्र की बहाली की प्रक्रिया फिर से की जा रही है, लेकिन आप विशेष रूप से एक अल्पसंख्यक के खिलाफ हो रहे हैं, जो ठीक नहीं है।
15 साल से सत्ता में रहने वाली शेख हसीना को 5 अगस्त को सिर्फ 45 मिनट के अंदर देश को छोडऩा पड़ा था । हालांकि वो पीएम पद से इस्तीफा दे चुकी थी और सत्ता छोडऩे के लिए पहले ही तैयार हो चुकी थी लेकिन जनता की नाराजगी उनकी जान के लिए खतरा बन गई थी।