उत्कर्ष सिन्हा राजनीति का सिर्फ एक ही साध्य है सत्ता। सिद्धांतवादियों को या बात भले ही पसंद न आये मगर फिलहाल तो यही मन्त्र है। और इस मन्त्र का उच्चारण असीमित ताकत से भरी भारतीय जनता पार्टी जोर जोर से कर रही है। कर्नाटक में राजनीतिक नाटक ख़त्म नहीं हो …
Read More »Utkarsh Sinha
‘डीडीएलजे’ नहीं ‘सैराट’ है हमारा समाज
शुभ्रा सुमन मैं स्कूल में पढ़ती थी जब ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ पहली बार देखी थी.. शाहरूख पसंद आता था, फिल्म दिल में बस गई थी.. फिल्म में जब सिमरन बगावत करना चाहती है तो राज उसे समझाता है, ‘बड़ों के आशीर्वाद से तुम्हें अपनाना चाहता हूं..’ जब सिमरन की …
Read More »यहाँ तो हो गया “गो गुंडों” का पुख्ता इंतज़ाम
जुबिली न्यूज ब्यूरो देश में गोरक्षा के नाम पर बढ़ते हत्यारे समूहों ने देश को चिंता में डाल दिया है। बीते चार सालों में भारत में ऐसे समूहों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुयी है जो खुद को गोरक्षक मानते हुए किसी की जान लेने लगे हैं। हालाकिं केंद्र सरकार …
Read More »फर्जी हस्ताक्षर से हो रहे हैं यूपी के वित्त विभाग में स्थानांतरण !
जुबली पोस्ट ब्यूरो वर्तमान सत्र में तबादलों को ले कर यूपी के स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप अभी थमा नहीं था कि वित्त विभाग में भी तबादलों को ले कर एक बड़ा मामला सामने आ गया है। इस मामले का खुलासा खुद सहकारी समितियां एवं पंचायतें के मुख्य लेखा परीक्षा …
Read More »सबके पास तो लाइसेंस है, फिर दुर्घटनाएं क्यों ?
सड़कों पर बढ़ता जा रहा है जोखिम-2 रतन मणि लाल यह जानना जरूरी है कि भारत में कुल सड़क दुर्घटनाओं के 80 प्रतिशत का कारण वे वाहन होते हैं जिन्हें वैध ड्राइविंग लाइसेंस धारक चला रहे होते हैं. वर्ष 2018 में एक सामाजिक संस्था ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ द्वारा यह दावा …
Read More »बढ़ते वाहन, तेज रफ़्तार और असंयमित व्यवहार
सड़कों पर बढ़ता जा रहा है जोखिम-1 रतन मणि लाल आम तौर पर किसी भी अप्राकृतिक कारणों से हुई मौत के लिए किसी न किसी प्रकार से सरकारी व्यवस्था की विफलता जिम्मेदार मानी जाती है. बिजली से, पानी में डूब कर, जर्जर भवन की वजह से, किसी इमारत से फिसल …
Read More »‘भगीरथ’ के इंतजार में कांग्रेस
संदीप पांडेय कांग्रेस की समस्या ये नहीं है कि उसे नेतृत्व के लिए कोई नाम नहीं मिल रहा, बल्कि 134 साल पुरानी इस पार्टी की असली मुसीबत ये है कि कोई ये नहीं कह रहा कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। अब जबकि ये तय हो चुका है कि राहुल गांधी अपना …
Read More »मस्जिद, मदरसा और मुसलमान
फैज़ान मुसन्ना इस्लाम में शिक्षा के दो मुख्य प्रतीक मस्जिद और मदरसा हैं । मगर दुर्भाग्य से अब इनका नाम अशांत प्रतीको के तौर से जाना जाता है , हालांकि सच्चाई कुछ और है । इस्लाम की शुरुआत के दौर से ही और अभी भारत के आजाद होने तक मस्जिद …
Read More »उलटबांसी- ढक्कन खोलने और बचाने की जंग
अभिषेक श्रीवास्तव बनारस में मुड़कट्टा बाबा का मंदिर है। मंदिर में उनका धड़ विराजमान है। मूड़ी कटी हुई है। चूंकि वे बाबा हैं, तो उनकी लैंगिक पहचान तय है। वरना बाबा स्त्रीलिंग भी होते हैं। हरियाणा के भिवानी में तोशाम की पहाडि़यां हैं। वहां के लोग तोशाम बाबा की पूजा …
Read More »कन्नौज में निजी कंपनी को जमीन बेचने का दबाव बना रहे यूपी सरकार के अधिकारी!
विवेक अवस्थी यह कहानी 1953 की बॉलीवुड फिल्म – “दो बीघा ज़मीन” की याद दिलाती है, जिसका निर्देशन बिमल रॉय ने किया था। फिल्म रवींद्रनाथ टैगोर की बंगाली कविता “दुई बीघा जोमी” पर आधारित थी, जिसमें बलराज साहनी और निरूपा रॉय मुख्य भूमिकाओं में थे। बलराज साहनी ने शंभु का …
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