Thursday - 11 January 2024 - 10:17 PM

Aarogya Setu ऐप को लेकर शुरू हुई राजनीति, उठने लगे प्राइवेसी से जुड़े सवाल

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनिवार्य किए गए आरोग्य सेतु ऐप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के कई नेताओं ने निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को ट्रैक करने वाले Aarogya Setu ऐप को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जरूरी कर दिया है। यानी पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। सभी संस्थानों के प्रमुख की यह जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करें कि 100 फीसदी यानी सभी कर्मचारियों द्वारा ऐप का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही कोविड-19 कंटेनमेंट ज़ोन में रह रहे लोगों के लिए भी आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप इस्तेमाल करना जरूरी होगा।

दूसरी ओर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने कहा कि टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं। टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।’

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘आरोग्य सेतु से जुड़े एक सवाल पर वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, ”आरोग्य सेतु के संदर्भ में कई विशेषज्ञों ने निजता का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस इस विषय पर विचार कर रही है और अगले 24 घंटे में समग्र प्रतिक्रिया देगी।”

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर इसके जरिए लोगों का निजी डेटा हासिल करने का आरोप लगा दिया है। ओवैसी ने इस ऐप को संदेहास्पद बताया है। सरकार ने प्राइवेसी को लेकर लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि यह ऐप लोगों को आसपास कोई कोरोना संक्रमित मरीज होने पर अलर्ट करने के लिए सबसे अच्छा ऐप है।

ओवैसी ने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार कोरोना वायरस से ताली, थाली, बिजली और एक बहुत संदेहास्पद ऐप से लड़ रही है। अब दिल्ली के सुल्तान ने एक फरमान जारी किया है कि जिसमें लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपना प्राइवेट डेटा सरकार (और जिसके साथ सरकार चाहे) के साथ जरूर शेयर करना है।”

गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की है। खबरों के मुताबिक इस ऐप को करोड़ों लोग डाउनलोड कर चुके हैं।

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