Sunday - 7 January 2024 - 8:39 AM

कहीं आप बर्नआउट का शिकार तो नहीं हो रहे ?

जुबिली न्यूज़ डेस्क

अगर आप लंबे समय से खुद की एनर्जी को लो फिल कर रहे हैं। थकान और निराशा और उलझन भरी सी लाइफ महसूस हो रही है। तो आपको समझना होगा कि आप बर्नआउट के शिकार हो गये हैं।

बर्नआउट एक तरह का सिंड्रोम है और इसका संबंध हार्ट रिद्म से भी होता है।

हाल ही हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि बर्नआउट के शिकार लोग हर समय एनर्जी की कमी महसूस करते हैं। लंबे समय का स्ट्रेस बर्नआउट का कारण जरूरत से ज्यादा थकान, या जिसे हम वाइटल एग्जॉशन कहते हैं। इसे ही बर्नआउट सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।

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ये परेशानी काफी लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने के कारण होती है। जो लोग पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में किसी ना किसी कारण लंबे समय तक तनाव का सामना करते हैं, उन्हें इस तरह की दिक्कत हो जाती है।

बर्नआउट और डिप्रेशन दो अलग चीजें

बर्नआउट और डिप्रेशन को एक समझने की भूल ना करें। इन दोनों में अंतर होता है। डिप्रेशन में जो लोग होते हैं, उनका मूड हर समय लो रहता है। उनमें सेल्फ कॉनफिडेंस की कमी होती है और ये किसी-ना-किसी तरह के गिल्ट से भरे होते हैं। जबकि बर्नआउट के शिकार लोगों में ऐसा नहीं होता। उनमें चिड़चिड़ापन और थकान अधिक देखने को मिलता है।

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दिल पर पड़ता है बुरा असर

बर्नआउट और हार्ट डिजीज के बीच संबंध की कड़ी पर आधारित शोध में यह बात सामने आयी है कि बहुत अधिक थकान, शरीर में सूजन और सायकॉलजिकल तनाव का बढ़ना एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। और जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो ये हार्ट टिश्यूज को डैमेज करने का काम करती है। और ऐसे में अरिद्मिया की स्थिति बनने लगती है, जिसमें दिल की धड़कने कभी कम और कभी ज्यादा होती रहती हैं।

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