Monday - 8 January 2024 - 8:03 PM

अमित शाह ने भी माना मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। बुधवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं मणिपुर में राहत शिविर में गया तो वहां एक महिला मिली, जिसने बताया कि मेरा एक ही बच्चा था, जिसे मेरी आंखों के सामने गोली मारी है।

उस महिला ने बताया कि मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही, फिर मुझे डर लगा और मैंने अपना घर छोड़ दिया। राहुल गांधी मणिपुर को फोकस करते हुए मोदी सरकार को आइना दिखाने की पूरी कोशिश। इसके बाद सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना पक्ष रखते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और गरीबों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

वहीं लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने इस बात को माना है किमणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ और वो विपक्ष से सहमत है। हालांकि इस दौरान अमित शाह ने ये भी बताया कि क्यों अभी तक मणिपुर के सीएम को नहीं हटाया गया है।

अविश्वास प्रस्ताव पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है। हमें भी दुख है। जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक।

ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती। हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे, विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था।अमित शाह ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि हिंसा के बावजूद सीएम बिरेन सिंह को क्यों नहीं हटाया. शाह बोले कि सिंह सहयोग कर रहे हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. हमें भी दुख है। जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक. ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती. हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे, विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था।

मणिपुर की नस्लीय हिंसाओं को लोगों को समझना होगा. करीब छह साल से मणिपुर में बीजेपी की सरकार है. एक दिन भी वहां कर्फ्यू नहीं लगाना पड़ा. उग्रवादी हिंसा करीब-करीब खत्म हो गई. 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ। वहां लोकतांत्रिक सरकार गिर गई और मिलिट्री का शासन आ गया। इस बीच वहां कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट ने लोकतंत्र के लिए आंदोलन शुरू किया। फिर वहां की सेना ने इनपर दबाव बनाना शुरू किया. ऐसे में कुकी लोग वहां से शरणार्थियों बनकर मिजोरम और मणिपुर आने लगे।

हमने वहां आए शरणार्थियों परिचय पत्र बनवाया गया. थंब और आई इंप्रेशन लिया गया। इनको वोटर लिस्ट और आधार कार्ड की नेगेटिव लिस्ट में डाला गया।

29 अप्रैल को एक अफवाह फैली कि 58 जो शरणार्थियों की बसावट हैं उनको गांव घोषित कर दिया गया है। इससे मैतई नाराज हो गए।

लोगों को लगा ये स्थाई तौर पर यहीं बस जाएंगे।फिर मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले ने आग में तेल डाल दिया। इसने सालों से पेंडिंग पड़ी याचिका पर सुनवाई की और कह दिया कि पहले मैतई को आदिवासी घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद हिंसा हो गई।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com