Friday - 12 January 2024 - 2:08 AM

क्या ‘मां दुर्गा’ की तरह ‘जय श्रीराम’ बंगाली संस्कृति से जुड़ा है

न्यूज डेस्क

लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में शुरु हुआ जय श्री राम का नारा राजनीतिक बहस के दायरे में आ चुका है। इस पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन भी कूद पड़े है। उन्होंने कहा है कि ‘मां दुर्गा’ की तरह ‘जय श्रीराम’ बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘लोगों को पीटने की बहाने’ के तौर पर किया जाता है।

उनके इस बयान पर बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि शायद अमर्त्य सेन बंगाल के बारे में जानते ही नहीं। उनका बांग्ला या भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। बंगाल के बहुत से गांवों में लोग जय श्री राम बोलते हैं। अब तो पूरा बंगाल जय श्री राम के नारे लगा रहा है।

बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि मां दुर्गा बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि आजकल कोलकाता में राम नवमी अधिक मनाई जाती है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं सुना था। श्री सेन ने कहा, ‘मैंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि उसके पसंदीदा भगवान कौन हैं? उसने जवाब दिया मां दुर्गा।’ उन्होंने कहा कि मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं मुझे लगता है कि जय श्री राम लोगों को पीटने के लिए आड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।’

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