प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि इस पार्टी का लोकतंत्र की मान्यताओं पर ज़रा सा भी विश्वास नहीं रहा है. दिल्ली बार्डर पर पिछले बीस दिनों से किसान डेरा डाले हुए हैं लेकिन सरकार उनकी बात मानने के बजाय उनसे अपना हठ मनवाने पर तुली है.
अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी ने अपने प्रचारतंत्र के सहारे किसान आन्दोलन को बदनाम करने का अभियान छेड़ दिया है. अपने झूठ के सहारे बीजेपी सरकार किसानों की आवाज़ दबाने पर तुल गई है. उन्होंने कहा कि विपक्ष उसे पहले भी फूटी आँखों नहीं सुहाता था, अब अन्नदाता भी आँखों में चुभने लगा है.
अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी सबका साथ-सबका विश्वास का नारा सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए लगाती है. अगर वह इस नारे पर हकीकत में अमल करती होती तो शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन के लिए संविधान से मिले अधिकारों को पुलिस की बर्बर ताकत से रोकने की कोशिश नहीं करती होती.
उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज़ उठाने के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे तो उन्हें जेल भेजकर बीजेपी ने साबित किया कि यह फर्जीवाड़ा करने में उस्ताद पार्टी है. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी किसान विरोधी क़ानून का समर्थन करने के लिए आगे-आगे है. उत्तर प्रदेश का किसान देश में यूं भी सबसे ज्यादा बदहाल है. ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से बर्बाद फसलों का किसानों को मुआवजा नहीं मिला. गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान नहीं किया गया. किसानों की कर्जमाफी नहीं हुई.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने किसानों से आय दूनी करने का वादा किया था लेकिन सच्चाई यह है कि उसे तो लागत का डेढ़ गुना दाम भी नहीं मिल रहा है. अखिलेश यादव का आरोप है कि यह क़ानून किसान को मजदूर बनाने के लिए बनाया गया है. बीजेपी सरकार खेती को कारपोरेट कंपनियों के हाथों बंधक बनाने की साज़िश रच रही है. सरकार सरकारी संस्थानों को या तो बेच देना चाहती है या फिर निजी हाथों को सौंप देना चाहती है.
पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि बीजेपी सरकार में छात्र, व्यापारी, वकील, मजदूर सभी परेशान हैं. इस सरकार में जनहित की एक भी योजना लागू नहीं की गई. चार साल तक विकास का कोई काम किया नहीं, अब मुख्यमंत्री कार से औचक निरीक्षण पर निकल रहे हैं. जनता को भुलावे में डालने की यह कोशिश बेकार साबित होगी क्योंकि जनता इनकी वादाखिलाफी से परिचित हो गई है.
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अखिलेश यादव ने कहा कि योगी जी को लगता है कि जुमलों और हवाई वादों के बल पर वह अपने बचे दिन काट लेंगे क्योंकि उनकी काम करने की नीयत ही नहीं है. योगी ने हर काम धुंवा कर दिया है. हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाने को ही उन्होंने आदर्श समझ लिया है. सच तो यह है कि वह कार से अपनी बरबादियों का जश्न मनाने निकल रहे हैं.