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अमेरिका के वाणिज्य मंत्री के एक बयान के बाद भारतीय लोगों की जेब पर बोझ बढ़ सकता है। सोमवार को अमेरिका ने कहा कि वह भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये भारत को कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता है।
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने कहा कि कच्चा तेल निजी क्षेत्र के हाथों में है इसलिए सरकार उन्हें सस्ते दर पर बेचने के लिये बाध्य नहीं कर सकती है।
बता दें कि भारत चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाये गये प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है।
रॉस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘ईरान एक समस्या है, यदि आपने आतंकवाद की हालिया घटनाओं को देखा होगा और हमें हर ऐसा कदम उठाना चाहिये जो हम आतंकवाद के खिलाफ उठा सकते हैं।’
वहीं भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा, ‘अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सउदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है।’
अर्थ जगत के विशेषज्ञ की माने तो अमेरिका के इस फैसले के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिसका सीधा असर देशवासियों की जेब पर पड़ने वाला है।