Saturday - 6 January 2024 - 1:44 PM

आखिर क्यों अचानक जोर-जोर से चीखने चिल्लाने लगती हैं इस स्कूल की छात्राए…

जुबिली न्यूज डेस्क

भूत प्रेत की कहानियां आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन फिर भी हमेशा मन में एक सवाल रहता है कि क्या ये सच में होते है। अक्सर आपने अपने बड़ो से सुना होगा की भूत प्रेत कुछ नहीं होता, इससे डरने की कोई बात नहीं है, तेकिन कहीं न कहीं सच जानने की जिज्ञासा मन में रहती है। जिंदगी में कुछ घटनाएं ऐसा हमारें सामने आती हैं। जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। कुछ ऐसी ही एक घटना बागेश्वर के रैखोली से सामने आया है। वहीं इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है। एक स्कूल में छात्राए अचानक से चीखने-चिल्लाने लग जाती है, और बेहोश हो जाती है। लेकिन अभी तक इस घटना के पिछे की वजह का पता नहीं चल सका है। तो आइए जानते हैं क्या है मामला…

चीखने चिल्लाने लगती हैं छात्राए

बागेश्वर के रैखोली जूनियर हाई स्कूल में छात्राओं के चीख चिल्लाकर बेहोश हो जाने की घटना के बारे में करीब एक हफ्ते में भी स्थितियां साफ नहीं हो सकी हैं। छात्र.छात्राओं का चीखना-चिल्लाना अब भी पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की तीन दिन की काउंसलिंग के बाद भी बच्चों की हालत यह है कि सोमवार को फिर एक छात्रा की तबीयत स्कूल में बिगड़ गई, तो उसे जि़ला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां छात्रा को 48 घंटे के ऑब्ज़र्वेशन में रखा जा रहा है।

रात भर ऑब्ज़र्वेशन में रखने के बाद भी डाॅक्टरों को कुछ विशेष जानकारी नहीं मिली जिला अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर चंद्र सिंह भैसोड़ा ने बताया कि छात्रा के ब्लड टेस्ट और अन्य परीक्षणों की रिपोर्ट में सब ठीक रिजल्ट आए हैं।  लेकिन सोमवार शाम से ऑब्ज़र्वेशन में रखी गई छात्रा के परिजन डाॅक्टरों से छात्रा को डिस्चार्ज करने की बात कर रहे हैं।

जानें पूरा मामला

बुधवार को टीचर-पैरेंट्स मीटिंग के बाद स्कूल में पूजा पाठ करवाने के बारे में कुछ कार्यक्रम तय किया जा सकता है। आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते से रैखोली जूनियर हाई स्कूल की कुछ छात्राएं अचानक ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगती हैं। 27 जुलाई को कुछ छात्राएं चीखकर बेहोश भी हुई थीं। इस मामले में न स्कूल के शिक्षिकों को और न ही डॉक्टरों को काई सटीक कारण पता चल रहा है। एक हफ्ते पहले रैखोली के स्कूल में हुए घटनाक्रम को मास हिस्टीरिया बताया गया था। स्कूल और बागेश्वर ज़िला प्रशासन ने हालांकि तुरंत किसी तरह की काउंसिलिंग या इलाज करवाने के बजाय सभी पीड़ित बच्चियों को घर बैठा दिया। इन छात्राओं के अभिभावकों को समझ नहीं आ रहा कि आखिर मासूम बच्चियों को हुआ क्या। प्रशासन इसे दबी जुबान में मास हिस्टीरिया कह रहा है, तो ग्रामीण इसे भूत प्रेत से देखकर जोड़ रहे हैं। गांव में तरह तरह की अफवाहें फैल रही हैं, प्रशासन तक भी पहुंच रही हैं।

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गांव में फैल रही ये अफवाहे

वहीं गांव में चर्चा है कि एक महिला फांसी पर झूली थी, जिसे एक छात्रा ने देख लिया था। दूसरी चर्चा है कि स्कूल की आठवीं क्लास में अंग्रेज का भूत है। बच्चे इतना डरे हुए हैं कि क्लास में जाने से डर रहे हैं और बाहर बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। इन मासूमों को समझाने न स्कूल के शिक्षिक आगे आ रहें हैं और न जांच अधिकारी। बस सब अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

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