जुबिली स्पेशल डेस्क
तेहरान और तेल अवीव के बीच जारी तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मोहसिन रेजाई ने बताया कि खामेनेई युद्ध के दौरान बंकर में रहकर पूरे हालात पर नजर बनाए हुए थे और वही सभी सैन्य निर्णय ले रहे थे।
रेजाई ने एक स्थानीय समाचार एजेंसी से बातचीत में दावा किया कि खामेनेई केवल दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों – ईरानी सेना प्रमुख जनरल अब्दुल रहीम मोसावी और “खतम अल अनबिया” के कमांडर अली शदामानी – से ही संपर्क में थे।
बंकर से संचालित हो रहा था पूरा युद्ध
बताया गया कि जैसे ही 13 जून को इजराइल की ओर से पहला हमला हुआ, खामेनेई को तुरंत एक सुरक्षित बंकर में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं से उन्होंने सैन्य कार्रवाई के आदेश देना शुरू कर दिए। किस वक्त पलटवार करना है, कितनी तीव्रता से हमला करना है – इन सभी रणनीतिक निर्देशों का केंद्र वही थे।
लोकेशन लीक न हो, इसलिए नए कमांडरों से नहीं की मुलाकात
रिपोर्टों के अनुसार, उस हमले के बाद ईरान में कई नए सैन्य कमांडर तैनात किए गए, लेकिन खामेनेई ने उनमें से किसी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं की। सूत्रों का मानना है कि सुप्रीम लीडर को यह आशंका थी कि किसी से मिलते ही उनका ठिकाना सामने आ सकता है, जिससे दुश्मन देश उनके लोकेशन को ट्रेस कर सकते हैं।
खामेनेई के पास है अंतिम निर्णय का अधिकार
ईरान में सुप्रीम लीडर की भूमिका सबसे अहम होती है। वह देश की सभी प्रमुख नीतियों और रक्षा निर्णयों पर अंतिम मुहर लगाते हैं। अयातुल्लाह खामेनेई 1989 से इस पद पर काबिज हैं और उनकी मंजूरी के बिना कोई भी सैन्य या कूटनीतिक कदम नहीं उठाया जा सकता।
अमेरिका के प्रस्ताव को किया था नजरअंदाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अमेरिका ने ईरान पर बंकर बस्टर हमला करने की योजना बनाई थी, तब तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खामेनेई से सीधे संवाद की इच्छा जताई थी। लेकिन खामेनेई ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हमला होने के बाद भी अमेरिका शांतिपूर्ण समाधान चाहता था, लेकिन ईरान ने सीजफायर की बात तभी मानी जब कतर में हमला हो गया।