जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन का एक फर्जी और आपत्तिजनक AI वीडियो वायरल किए जाने का मामला सामने आया है। यह वीडियो हरियाणा के नूंह जिले से तैयार किया गया था और जांच में सामने आया कि इसके पीछे दो नाबालिग लड़के थे। बाद में गाँव में हुई पंचायत में दोनों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, जिसे स्वीकार करते हुए सांसद ने उन्हें माफ कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें सांसद इकरा हसन को एक युवक के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। यह वीडियो सोमवार को स्वयं सांसद तक पहुंचा। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह वीडियो AI टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया गया और इसे नूंह के आमका गांव से फैलाया गया।
रजिया बानो ने की त्वरित जांच
सांसद ने इस मामले की जानकारी नूंह महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष रजिया बानो को दी। रजिया ने सामाजिक संगठनों के सहयोग से सोमवार रात ही गांव पहुंचकर जांच शुरू की। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि वीडियो फर्जी था और इसे दो अनपढ़ नाबालिग लड़कों ने महज सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए बनाया था।
फर्जी फेसबुक अकाउंट और AI का दुरुपयोग
इन लड़कों ने सांसद इकरा हसन के नाम से एक फेक फेसबुक अकाउंट बनाकर दो वीडियो पोस्ट किए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने AI का उपयोग कर यह भ्रामक वीडियो तैयार किया, जिसका मकसद केवल ऑनलाइन लोकप्रियता हासिल करना था।
गांव की पंचायत में माफी, सांसद का जवाब
सोमवार रात गांव में पंचायत बुलाई गई जिसमें गांववाले, सरपंच और दोनों नाबालिगों के परिवार मौजूद थे। पंचायत में दोनों लड़कों से कान पकड़कर माफी मंगवाई गई और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की शपथ दिलवाई गई।
पंचायत की पूरी जानकारी रजिया बानो ने सांसद को दी। इस पर सांसद इकरा हसन ने कहा:”मैं मेवात समाज की बहन और बेटी हूं। इस तरह से मुझे बदनाम करने की कोशिश बेहद शर्मनाक है।”उन्होंने पहले कानूनी कार्रवाई की बात कही, लेकिन गांव वालों की सामूहिक अपील पर दोनों लड़कों को माफ कर दिया।
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AI टेक्नोलॉजी का खतरनाक दुरुपयोग
यह मामला भारत में AI के दुरुपयोग और डिजिटल नैतिकता पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। फेक वीडियो न केवल व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं, बल्कि इससे साइबर क्राइम की एक नई श्रेणी भी जन्म ले रही है।