Monday - 23 June 2025 - 10:40 AM

मुंबई के फिल्म सिटी में अनुपमा सीरियल के सेट पर लगी आग

जुबिली न्यूज डेस्क 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण व्यवस्था के निजीकरण (UP Discom Privatization) की तैयारी के खिलाफ जोरदार विरोध शुरू हो गया है। दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (Dakshinanchal & Purvanchal Discoms) के निजीकरण को लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने परीक्षण शुरू कर दिया है, लेकिन इसी बीच राजधानी लखनऊ में ‘बिजली महापंचायत’ का आयोजन हुआ, जिसमें फैसला लिया गया कि टेंडर जारी होते ही राज्यव्यापी जनांदोलन और जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।

महापंचायत में लिया गया बड़ा फैसला

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले हुई इस महापंचायत में बिजली कर्मचारियों के साथ रेलवे यूनियन, किसान संगठन, राज्य कर्मचारी संघ, उपभोक्ता संगठन और शिक्षक संघों ने भी हिस्सा लिया। सभी ने एक सुर में निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ आवाज बुलंद की।

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा:“अगर प्राइवेटाइजेशन का टेंडर जारी किया गया, तो पूरे यूपी में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और जेल भरो आंदोलन शुरू होगा।”

2 जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध और 9 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल

महापंचायत में 2 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और 9 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल का ऐलान हुआ है, जिसमें करीब 27 लाख बिजलीकर्मी शामिल होंगे। रेलवे यूनियन नेता शिव गोपाल मिश्रा ने चेतावनी दी कि रेलवे कर्मचारी भी बिजली कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होंगे और गिरफ्तारी देंगे।

CBI जांच की मांग और असफल मॉडल का हवाला

महापंचायत में वक्ताओं ने आगरा समेत अन्य शहरों में निजीकरण की असफलताओं का हवाला देते हुए CBI जांच की मांग की। बताया गया कि आगरा में टोरेंट पावर ने 2200 करोड़ रुपये बकाया नहीं चुकाया और पावर कॉर्पोरेशन को हर महीने 1000 करोड़ का घाटा हो रहा है।

“राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा”: जम्मू-कश्मीर का उदाहरण

वक्ताओं ने कहा कि बिजली वितरण का निजीकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। उदाहरण देते हुए कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन हमलों के बीच सरकारी मैनेजमेंट से निर्बाध बिजली आपूर्ति जारी रही, जो निजी कंपनियों से संभव नहीं होती।

नियामक आयोग ने शुरू किया परीक्षण

दूसरी ओर, राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम के निजीकरण पर परीक्षण शुरू कर दिया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद सुझाव राज्य सरकार को भेजे जाएंगे, जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

42 जिलों को शामिल किया गया योजना में

सूत्रों के मुताबिक, निजीकरण की योजना में 42 जिलों को PPP मॉडल पर सौंपने की तैयारी है। इसके जरिए प्राइवेट कंपनियों से टेंडर मंगवाकर उन्हें बिजली वितरण का जिम्मा सौंपा जाएगा।

ये भी पढ़ें-जंग का असर सीधे जेब पर! खुलते ही टूटा शेयर बाजार, डूबे 3 लाख करोड़

बिजली दरों में 30-45% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

इस बीच यूपी पावर कॉर्पोरेशन (UPPCL) ने बिजली दरों में 30% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। नियामक आयोग 7 जुलाई को इस प्रस्ताव पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा।

  • शहरी क्षेत्रों में 35-40% बढ़ोतरी

  • ग्रामीण क्षेत्रों में 40-45% बढ़ोतरी

  • व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए 20-25%

  • औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 15-18% वृद्धि

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com