जुबिली न्यूज डेस्क
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव चरम पर है, लेकिन अब करीब डेढ़ महीने बाद दोनों देशों के बीच पहली आधिकारिक बातचीत होने जा रही है। यह बातचीत 1 जुलाई 2025 को होगी और इसका मकसद दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों और मछुआरों की रिहाई को लेकर चर्चा करना है।
सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे को अपने-अपने जेलों में बंद कैदियों की नई सूची (List of Prisoners) सौंपेंगे। बातचीत 2008 के काउंसलर एक्सेस एग्रीमेंट के तहत होगी, जिसके तहत दोनों देश हर साल एक-दूसरे को अपने नागरिकों की जानकारी मुहैया कराते हैं, ताकि उन्हें कानूनी सहायता दी जा सके।
कितने भारतीय और पाकिस्तानी कैदी हैं जेल में?
14 मई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार:
पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय: कुल 242 नागरिक,
– इनमें 193 मछुआरे
– और 49 आम भारतीय नागरिक शामिल हैं।
भारत की जेलों में बंद पाकिस्तानी: कुल 458 नागरिक,
– इनमें 81 मछुआरे
– और 377 आम पाकिस्तानी नागरिक हैं।
ऑपरेशन सिंदूर से पहले बिगड़े थे रिश्ते
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब पहलगाम आतंकी हमले में कई जवान शहीद हो गए। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) समेत पाकिस्तान के भीतर भी आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार कड़ा जवाब दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद उसने सीजफायर की अपील की।
अब तक दो बार DGMO स्तर पर बात
तनाव के बावजूद दोनों देशों के सेनाध्यक्षों (DGMO) के बीच अब तक दो बार बातचीत हो चुकी है। हालांकि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना सख्त स्टैंड बरकरार रखा है और द्विपक्षीय संबंधों को ठप रखा हुआ है।
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कैदियों की रिहाई से रिश्तों में नरमी?
विशेषज्ञों का मानना है कि 1 जुलाई की मीटिंग से भारत-पाकिस्तान के बीच एक मानवीय स्तर पर संवाद फिर से शुरू हो सकता है। हालांकि दोनों देशों के बीच कोई भी स्थायी हल तभी संभव है जब पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाए।