अशोक कुमार
यह सच है कि कुछ लोगों में आनुवंशिक भिन्नताओं के कारण शराब के प्रति सहनशीलता अधिक होती है।
इसका मतलब है कि उन्हें शराब के प्रभाव महसूस करने के लिए अधिक मात्रा में शराब की आवश्यकता होती है। यह स्थिति उन्हें अधिक शराब पीने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे शराब की लत का खतरा बढ़ जाता है।
शराब के चयापचय में शामिल जीन
ADH (Alcohol dehydrogenase): यह एंजाइम शराब को एसिटाल्डिहाइड में परिवर्तित करता है, जो एक विषैला पदार्थ है। कुछ लोगों में ADH जीन के प्रकार के कारण यह प्रक्रिया तेजी से होती है, जिससे एसिटाल्डिहाइड का निर्माण अधिक होता है।
ALDH (Aldehyde dehydrogenase): यह एंजाइम एसिटाल्डिहाइड को एसिटिक एसिड में परिवर्तित करता है, जो कम हानिकारक होता है। कुछ लोगों में ALDH जीन के प्रकार के कारण यह प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे शरीर में एसिटाल्डिहाइड जमा होता है। एसिटाल्डिहाइड के कारण मतली, उल्टी और अन्य अप्रिय प्रभाव होते हैं, जो शराब पीने की मात्रा को सीमित कर सकते हैं।
आनुवंशिक कारकों का प्रभाव
कुछ लोगों में, इन जीनों में भिन्नता के कारण, शराब का चयापचय धीमा हो सकता है, जिससे वे अधिक शराब पीते हैं और उन्हें कम नशा होता है।
यह स्थिति शराब की लत के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसका मतलब है कि उनके शरीर को शराब को संसाधित करने में अधिक समय लगता है, जिससे वे अधिक शराब पी सकते हैं ताकि वे वही प्रभाव महसूस कर सकें जो अन्य लोग कम मात्रा में शराब से महसूस करते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आनुवंशिकी शराब की लत का एकमात्र कारण नहीं है।
अन्य महत्वपूर्ण कारक
पर्यावरण: बचपन के अनुभव, सामाजिक दबाव और तनाव जैसे पर्यावरणीय कारक भी शराब की लत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्यक्तिगत विकल्प: व्यक्ति के अपने निर्णय और व्यवहार भी शराब की लत में योगदान करते हैं।
निष्कर्ष
यह कहना सही नहीं है कि किसी व्यक्ति का शराब के प्रति अधिक सेवन पूरी तरह से उसके जीन्स के कारण होता है। आनुवंशिकी एक भूमिका निभाती है, लेकिन पर्यावरणीय और व्यक्तिगत कारक भी महत्वपूर्ण हैं। शराब की लत एक जटिल स्थिति है जिसके लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।