जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध कब्जों और बिना अनुमति चल रहे धार्मिक स्थलों के खिलाफ कड़ा अभियान छेड़ दिया है। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद प्रशासन ने अब तक 205 अवैध मदरसे और धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की है। बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, पीलीभीत और महाराजगंज जिलों में यह अभियान तेज़ी से चल रहा है।
श्रावस्ती में सबसे ज्यादा कार्रवाई
श्रावस्ती जिला अवैध मदरसों के खिलाफ सबसे आगे रहा है। यहां अब तक 102 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 5 मजारों में से 4 को हटाया गया और दो ईदगाह भी ध्वस्त की गई हैं। प्रशासन ने एक अन्य धार्मिक स्थल को नोटिस जारी किया है।
महाराजगंज और बलरामपुर में कड़ी कार्रवाई
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महाराजगंज: अब तक 28 अवैध मदरसों और एक धार्मिक स्थल पर कार्रवाई पूरी हुई है। 5 मजारें हटाई गई हैं और एक ईदगाह को चिह्नित किया गया है।
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बलरामपुर: यहां 28 मदरसों पर कार्रवाई हुई, जिनमें से 22 को सील और 5 को हटाया गया है। 10 मजारों में से 8 हटाई गई हैं और 2 को नोटिस दिया गया है। एक ईदगाह भी हटाई गई है।
बहराइच और सिद्धार्थनगर की स्थिति
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बहराइच: 13 अवैध मदरसे चिन्हित हुए, जिनमें से 5 सील और 8 हटाए गए हैं। 8 धार्मिक स्थलों में से 2 को हटाया गया और बाकी को नोटिस जारी किया गया है।
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सिद्धार्थनगर: नेपाल सीमा के 10 किमी क्षेत्र में 22 अवैध निर्माण पकड़े गए हैं, जिनमें 18 मदरसे और 4 धार्मिक स्थल शामिल हैं। 9 मदरसे हटाए गए और 5 को सील किया गया है।
पीलीभीत में सीमित कार्रवाई
पीलीभीत जिले में अभी तक सिर्फ 1 अवैध धार्मिक स्थल सामने आया है, जिसे नोटिस जारी किया गया है।
क्यों जरूरी है यह अभियान?
नेपाल सीमा से सटे इलाकों में अवैध कब्जों और बिना मान्यता वाले धार्मिक स्थलों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ये अवैध निर्माण न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी संवेदनशील माने जाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि राज्य में अवैध कब्जे और बिना अनुमति वाले धार्मिक स्थल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
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सरकार का संदेश साफ
योगी सरकार का यह अभियान दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार चाहती है कि सभी धार्मिक और शिक्षण संस्थान कानूनी दायरे में रहें ताकि राज्य में शांति और सुरक्षा बनी रहे।