जुबिली न्यूज डेस्क
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में हुई बैठक में पाकिस्तान को जमकर लताड़ पड़ी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में सदस्य देशों ने पाकिस्तान के ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए।

15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य पाकिस्तान के अनुरोध पर सोमवार (5 मई) को यह क्लोज डोर मीटिंग हुई। मई महीने के लिए यूनान परिषद का अध्यक्ष है। यह बैठक सुरक्षा परिषद चैंबर के बजाय परामर्श कक्ष में आयोजित की गई।
‘फॉल्स फ्लैग’ पर UNSC का सख्त रुख
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पाकिस्तान के नैरेटिव को कोई समर्थन नहीं मिला। कई देशों ने पहलगाम हमले को ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ बताने की पाकिस्तान की कोशिशों को खारिज कर दिया। सदस्यों ने इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा की संभावित भूमिका पर भी सवाल उठाए।
धार्मिक पहचान के आधार पर हत्या का मुद्दा उठा
सूत्रों ने बताया कि सदस्य देशों ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि जवाबदेही तय करना जरूरी है। कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे को भी उठाया कि हमलावरों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर गोली मारी। यह हमला धार्मिक पहचान के आधार पर हत्या जैसा जघन्य अपराध माना गया।
पाकिस्तान पर तनाव बढ़ाने के आरोप
बैठक में कई सदस्यों ने माना कि तनाव बढ़ाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के मिसाइल टेस्ट और परमाणु युद्ध की बयानबाजी को तनाव का मुख्य कारण बताया गया।
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पाकिस्तान को सलाह: भारत से बातचीत करो
सूत्रों के अनुसार, सदस्य देशों ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीयकरण के प्रयासों को खारिज कर दिया और सलाह दी कि भारत से सीधी बातचीत के जरिए ही समाधान निकाला जाए।
सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा 10 अस्थायी सदस्य अल्जीरिया, डेनमार्क, यूनान, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया बैठक में शामिल थे।
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