- डूंगरपुर ट्रॉफी का चैंपियन बना उत्तर प्रदेश
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बीते कुछ सालों से उत्तर प्रदेश क्रिकेट का बुरा हाल है। घरेलू क्रिकेट में लगातार यूपी की टीम पिट रही है। आलम तो यह है कि रणजी के रण में भी यूपी क्रिकेट फिसड्डी साबित हुआ था। दूसरी तरफ जूनियर क्रिकेट में यूपी क्रिकेट के फलक पर चमक रहा है।
बीसीसीआई की अंडर-14 राज सिंह डूंगरपुर सेंट्रल ज़ोन ट्रॉफी पर उत्तर प्रदेश ने किया कब्ज़ा। फाइनल में विदर्भ के खिलाफ मुकाबले में पहली पारी में बढ़त हासिल कर यूपी ने खिताबी जीत दर्ज की।
उत्तर प्रदेश के सीनियर क्रिकेटर्स जहां हाल के दिनों में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं, वहीं राज्य के जूनियर क्रिकेटर्स ने ज़बर्दस्त प्रदर्शन कर क्रिकेट प्रेमियों को गर्व से भर दिया है। बीसीसीआई की अंडर-14 राज सिंह डूंगरपुर सेंट्रल ज़ोन ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की टीम ने शानदार जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम किया।
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देहरादून में खेले गए फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश ने विदर्भ को पहली पारी की बढ़त के आधार पर हराया और ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाया। पहले बल्लेबाजी करते हुए यूपी की टीम ने मात्र 103.1 ओवर में नौ विकेट पर 502 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इस स्कोर की सबसे बड़ी खासियत रही कैफ की नाबाद 250 रनों की पारी, जिसने मुकाबले को एकतरफा बना दिया।
कैफ की यह ऐतिहासिक पारी केवल एक बड़ी जीत की नींव नहीं थी, बल्कि यह संकेत भी है कि यूपी को एक नई प्रतिभा मिल गई है। यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और मौका मिला, तो वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे बन सकते हैं।
विदर्भ की टीम पहली पारी में सिर्फ 194 रनों पर सिमट गई, जिससे उत्तर प्रदेश को निर्णायक बढ़त मिली। इस जीत में कानपुर के चाइनामैन गेंदबाज़ विष्णु सरोज ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने महज़ 33 रन देकर चार विकेट चटकाए। उनके साथ रुद्र शर्मा ने भी तीन विकेट लेकर विदर्भ की कमर तोड़ दी।
ग्रीन पार्क छात्रावास में प्रशिक्षित विष्णु सरोज के कोच अमित पाल ने उनके प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “विष्णु ने मौके का पूरा फायदा उठाया और हर मैच में निरंतर प्रदर्शन कर टीम को मजबूती दी। उन्होंने गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी उपयोगी योगदान दिया है।”
उत्तर प्रदेश की इस ऐतिहासिक जीत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जूनियर स्तर पर राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है — बस उन्हें मंच और मार्गदर्शन की ज़रूरत है।