जुबिली न्यूज डेस्क
शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में स्थित एक 15 साल पुरानी मस्जिद को लेकर चल रहा जमीन विवाद आखिरकार कोर्ट के आदेश के साथ समाप्त हो गया है। शनिवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद के पूरे ढांचे को अवैध करार देते हुए इसे गिराने का आदेश दिया। इससे पहले कोर्ट ने केवल ऊपरी दो मंजिलों को गिराने के निर्देश दिए थे।
वक्फ बोर्ड नहीं साबित कर पाया मालिकाना हक
विवाद की जड़ उस भूमि को लेकर रही जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि यह ज़मीन उनके अधीन है, लेकिन कोर्ट में पिछले 15 वर्षों में कोई पुख्ता दस्तावेज या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। इसी आधार पर कोर्ट ने माना कि यह निर्माण गैरकानूनी तरीके से, बिना नक्शा पास कराए और बिना जरूरी अनुमति के किया गया था।
कोर्ट के आदेश में साफ लिखा गया: मस्जिद पूरी तरह अवैध
लोकल रेजिडेंट कमेटी के अधिवक्ता जगतपाल ने कोर्ट के फैसले को “ऐतिहासिक” बताया और कहा,“कमिश्नर कोर्ट ने अब ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को भी अवैध मानते हुए गिराने का आदेश दिया है। पहले सिर्फ सेकंड और थर्ड फ्लोर को गिराने के निर्देश थे।”
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एमसी एक्ट का सीधा उल्लंघन
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नगर निगम अधिनियम (MC Act) का उल्लंघन हुआ है। मस्जिद निर्माण के लिए न तो एनओसी ली गई और न ही नक्शा पास कराया गया। ऐसे में यह पूरी तरह से अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को आदेश दिए हैं कि मस्जिद के पूरे ढांचे को गिराने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।