जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के दौर में कोई भी खबर वायरल हो जाती है। इतना ही नहीं लोग उस वायरल खबर की जांच किये बगैर आगे बढ़ाने लगते हैं।
हालांकि ये जरूरी नहीं है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली हर खबर पूरी तरह से सच हो। आजकल 500 का नोट को तरह-तरह की खबरें वायरल होती है। दरअसर सरकार ने एक बार नोटबंदी की थी।
इस वजह से लोग 500 के नोट को लेकर लोग एलर्ट हो जाता है और इससे जुड़ी हुई खबरों को पढ़ते रहते हैं लेकिन वो सही और गलत का फैसला नहीं कर पाते हैं। अक्सर करेंसी नोटों को लेकर बाजार में कोई न कोई खबर या अफवाह उड़ती रहती है।
इतना ही नहीं नोटों के फीचर्स को लेकर भी खबरे वायरल होती रहती है। सोशल मीडिया पर किसी नोट में ऐसा कुछ निशान दिख रहा है, तो वो नकली है। लोग उसकी जांच किये बगैर उसको वायरल करने में जुट जाते हैं।
हाल में ही 500 रुपये का वो नोट नकली है। जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास न होकर गांधीजी के तस्वीर के पास होती है।
वायरल मैसेज में इस तरह की नोटों को नकली बताया जा रहा है और सलाह दी जा रही है कि इस तरह के नोट न लें। जिसमें हरी पट्टी गांधीजी की तस्वीर के नजदीक बनी है। इस वजह से लोगों को परेशानी उइानी पड़ रही है और वो समझ नहीं पा रहे रहे कि वो आखिर क्या करें। ऐसे में पीआईबी ने इस तरह के मैसेज फैक्टचेक किया है।
एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि ₹500 का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।#PIBFactCheck
➡️यह दावा फ़र्ज़ी है।
➡️@RBI के अनुसार दोनों ही तरह के नोट मान्य होते हैं।
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— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 9, 2022
पीआईबी ने बताया है कि एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि ₹500 का वह नोट नकली है जिसमें हरी पट्टी आरबीआई गवर्नर के सिग्नेचर के पास ना होकर गांधीजी की तस्वीर के पास होती है।
PIB का कहना है कि वायरल हो रहा यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है। मार्केट में चल रहे दोनों नोट पूरी तरह से मान्य हैं। वहीं केंद्रीय बैंक का भी कहना है कि दोनों नोट सही है। इनमें कोई गड़बड़ी नहीं है।