जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की रैली और जनसभा करने पर रोक लगा रखी है लेकिन लखनऊ में सपा ने वर्चुअल रैली के नाम पर काफी लोग जमा हो गए थे और कोरोना के नियमों का पालन नहीं किया गया था।
अब इस मामले में चुनाव आयोग ने सपा को पहली गलती बताकर हिदायत देकर छोड़ दिया है। इस तरह से अखिलेश यादव को बड़ी राहत मिल गई है। हालांकि चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी को भले ही पहली गलती बताकर छोड़ दिया हो लेकिन उसने साफ कर दिया है कि आगे से सावधान रहने और पाबंदियों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी है।
क्या था मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य और बीजेपी के बाकी बागी विधायकों के साथ सपा में शामिल हुए थे और इस दौरान सपा ने वर्चुअल रैली के नाम पर कार्यक्रम आयोजित किया था लेकिन सपा दफ्तर में हुए इस कार्यक्रम में भारी संख्या में भीड़ पहुंची थी।

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वहीं चुनाव आयोग ने किसी तरह की भीड़ व जनसभा करने पर रोक लगा रखी है। इसी मामले में चुनाव आयोग ने सपा की इस रैली को कोरोना गाइडलाइन और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन माना गया था।
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हालांकि अब सपा को चुनाव आयोग की तरफ से बड़ी राहत दे दी गई और भविष्य में सावधान रहने और पाबंदियों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है। पांच राज्यों में चुनाव करीब आता जा रहा है मगर कोरोना संक्रमण प्रत्याशियों के पैरों में बेड़ियां जकड़ने को आमादा है. एक तरफ संक्रमण का खतरा है तो दूसरी तरफ मतदाताओं तक न पहुँच पाने पर मंडराने वाला हार का खतरा बहुत परेशान कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र चुनाव आयोग से फिजीकल रैलियों पर लगाई रोक को और बढ़ाने की सिफारिश की है। इसके बाद चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक पाबंदी बढ़ाई है। इससे पहले 15 जनवरी तक रोक थी।
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