जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चलाए गए ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान के तहत लोगों के साथ ऑनलाइन संवाद कर रही है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने कोविड की वजह से अपनी रैलियां कैंसिल कर दी हैं। मैंने तय किया कि हम फेसबुक लाइव के जरिये बात करें। मेरी कोशिश रहेगी कि हम लगातार आपसे जुड़ें और अनौपचारिक रूप से बातचीत करें।
प्रियंका गांधी ने कहा किवर्तमान में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न मुझे बहुत पसंद हैं। वे महिला हैं, बहुत मजबूत हैं, जनता से अच्छी तरह जुड़ती हैं। वे बहुत नेचुरल रहती हैं। मेरी दादी इंदिरा गांधी जी भी मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनसे भी प्रभावित हूं।
इंदिरा गांधी जी एक सभा में भाषण दे रही थीं तभी पथराव हो गया। उन्हें एक पत्थर आकर नाक पर लगा। खास बात ये है कि वे पीछे नहीं हटीं। फिर से खड़ी हुईं, भाषण पूरा किया।
इंदिरा गांधी जी साहस की मिसाल थीं। उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया। वे आयरन लेडी थींं लेकिन उतनी ही मजाकिया थीं। हमारे साथ खेलती थीं। साथ ही उनमें धैर्य, निडरता, वीरता थी। वे महिला सशक्तिकरण की भी मिसाल हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा – महिला को सशक्त करने के लिए, उनको बराबरी का दर्जा देना ही होगा। हमने महिला शक्ति विधान बनाया है। हमने इसमें सब लिखा है -कि ग्रामीण महिलाओं के लिए हम क्या करना चाहतें हैं, उनकी सेहत के लिए,उनकी शिक्षा के लिए हम क्या करेंगे -सब इसमें लिखा है।
ये सही है कि हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन महिलाओं के अपनी शक्ति पहचाननी होगी। महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा।
उन्नाव की पीड़िता का केस वहां पर दर्ज नहीं हुआ। उसका केस रायबरेली में दर्ज हुआ। वह खुद ट्रेन लेकर रायबरेली जाती थी। उसकी मदद कर रही थी उसकी भाभी। अन्याय के खिलाफ सारी लड़ाइयां महिलाएं लड़ रही हैं।
LIVE: Smt. @priyankagandhi interacts with the people.#PriyankaKeSaathLive
https://t.co/NFEKIqIK1v— Congress (@INCIndia) January 8, 2022
अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही ये नारा निकला है कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’। महिलाओं बहुत बड़ी फोर्स हैं। अगर ये फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है। दरअसल महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण सही भागीदारी नहीं है। सही है कि ये हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होनी चाहिए।