जुबिली न्यूज डेस्क
आज देशभर में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज के दिन सभी एक दूसरे के रंग और गुलाल लगाते हैं। साथ ही एक दूसरे से गले मिलते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से इस बार की होली में भंग पड़ती नजर आ रही है।
होली के मौके पर जितना रंगों को खेलना जरूरी है उतनी ही जरुरी है अपनी काया के रंगों से बचाने की। इसकी वजह है रंगों का त्वचा पर खराब असर डालने की, जोकि आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।

इस मामलें में चर्म रोग विशेषज्ञों का कहना है कि होली के पावन पर्व पर रंग खेलने के पहले कुछ तैयारी करके और सावधानी बरते जिससे कई गंभीर स्किन के रोगों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रंग खेलते समय सावधानी दिखाने से त्वचा पर होने वाले दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है इसके लिए होली खेलने में हर्बल रंगों या ऑर्गेनिक रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए।
ऐसे करें स्किन का बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि रंगों में प्रयोग होने वाले रासायन त्वचा को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। अगर शरीर पर रंग लगने से पहले स्किन और बालों पर अच्छी तरह से तेल लगा लिया जाए तो रंगों से स्किन और बाल पर होने वाले कुप्रभाव को रोका जा सकता है।
इसकी जगह पर उबटन भी लगा सकते हैं। साथ ही नाखूनों को बचाने के लिए नेल पॉलिश लगाना चाहिए। होंठों की सुरक्षा के लिए वैसलीन का लगा लेना चाहिए।
अस्थमा के रोगी न खेले रंग
विशेषज्ञों ने बताया कि रंग लगने से स्किन में जलन होने उसे तुरंत ठंडे पानी से धोना चाहिए। अगर आपको अस्थमा और धूल की एलर्जी हो तो सूखे रंगों का ही प्रयोग करें। होली खेलने के बाद सबसे पहले सूखे ब्रश से सिर और शरीर के अंगों को साफ कर लेना चाहिए। रंगों को छुड़ाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए। बालों के रंगों को छुड़ाने के लिए बेबी शैंपू का ही प्रयोग करें।
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