जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (DFI) के गठन को मंजूरी दी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में इसके बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि डेवलपमेंट फाइनेंस बैंक इनवेस्टमेंट बैंक के रूप में काम करेगा। इसके जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंड दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021 के दौरान हमने कहा था कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंटल एक्टिविटीज के लिए नेशनल बैंक बनाएंगे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन को स्थापित करने के लिए मंजूरी दे दी है।
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The DFI will help raise long-term funds; #Budget2021 will provide initial amount
Capital infusion will be of about Rs. 20,000 Cr this year; initial grant will be Rs. 5,000 Cr, additional increments of grant will be made within the limit of Rs. 5,000 Cr
– FM pic.twitter.com/AD8aFJPdDB
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) March 16, 2021
वित्त मंत्री ने कहा कि पहले भी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स पाने के लिए कोशिशें की गईं लेकिन विभिन्न कारणों के चलते कोई ऐसा बैंक नहीं बन सका, जो डेवलपमेंट की फंडिंग कर सके और लॉन्ग टर्म रिस्क ले सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि DFI लॉन्ग टर्म फंड्स को जुटाने में मदद करेगा। बजट 2021 इसे शुरुआती धनराशि मुहैया कराएगा। इस साल DFI में लगभग 20000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी, शुरुआती ग्रांट 5000 करोड़ रुपए की होगी और ग्रांट के अतिरिक्त इंक्रीमेंट 5000 करोड़ रुपए की लिमिट में किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार DFI के लिए कुछ सिक्योरिटीज जारी करने की भी योजना बना रही है, इससे फंड्स की लागत कम रहेगी। इन सभी चीजों से DFI को शुरुआती पूंजी का लाभ उठाने और विभिन्न स्त्रोतों से फंड जुटाने में मदद मिलेगी। साथ ही भारत के बॉन्ड मार्केट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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