न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। वाहन कबाड़ नीति से वायु प्रदूषण घटाने, ईंधन की खपत कम करने और सड़क दुर्घटनाओं में तो कमी लाने में मदद मिलेगी ही, इससे कोरोना महामारी के बीच देश में नए वाहनों की मांग भी बढ़ेगी।
उद्योग जगत के अनुसार प्रस्तावित वाहन कबाड़ नीति को केंद्र के साथ राज्य सरकारों के समर्थन की भी जरूरत है। उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार दोनों स्तरों पर सरकारों को साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाना होगा। उन्हें बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देना होगा।
प्रोत्साहन आधारित व्यवस्था से यह योजना आकर्षक बन सकेगी और लोग अपने पुराने वाहनों को नए वाहनों से बदलने को प्रोत्साहित होंगे।
ये भी पढ़े: मदर्स डे मनाना तो अहसान फरामोशी है

इस पर वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सियाम) के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने कहा कि उद्योग संगठन इस मामले पर लगातार भारत सरकार के संपर्क में है। हमने सरकार से प्रोत्साहन आधारित कबाड़ नीति लाने की मांग की है।
ये भी पढ़े: कोरोना वैक्सीन : COVID-19 युद्ध में बड़ी है भारत की भूमिका
इसमें माल एवं सेवा कर, पथकर और पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देकर प्रोत्साहन दिया जा सकता है। सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन के मुताबिक प्रोत्साहन आधारित नीति से प्रदूषण को कम करने, सड़क सुरक्षा को बेहतर करने और ईंधन की बचत करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इससे कोविड-19 संकट के समय वाहन क्षेत्र की मांग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वाहन कबाड़ नीति पर पिछले काफी समय से काम चल रहा है। इस नीति का मकसद वाहनों की सड़क पर दौड़ने की मियाद तय करना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वाहन क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की योजना को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। एक बार प्रस्तावित नीति को मंजूरी मिलने के बाद यह यह दोपहिया और तिपहिया सहित सभी वाहनों पर लागू होगी। इससे पहले पीएमओ के निर्देश पर इस नीति पर अंशधारकों से नए सिरे से विचार- विमर्श शुरू किया गया था।
ये भी पढ़े: पहले तारीफ अब फेल, जानें क्या है कोरोना का देश में हाल
क्या है वाहन स्क्रैपिंग नीति
नए वाहनों की मांग बढ़ाने के लिए, सरकार ने जुलाई 2019 में मोटर वाहन मानदंडों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिससे 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाने की अनुमति दी जा सके। सरकार ने एक साल के बजाय हर छह महीने में ऐसे वाहनों के लिए नया फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने का प्रस्ताव दिया था।
साथ ही यह भी प्रस्ताव किया था कि यदि कोई अपनी पिछली गाड़ी की स्क्रैपिंग का प्रमाण पत्र देता है तो उसे नए खरीदे गए मोटर वाहन के रेजिस्ट्रेशन शुल्क के भुगतान की छूट दी जा सकती है।
ये भी पढ़े: कब लौटेगी जायके और स्वाद भरी रौनक
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
