
मैने कागज पर गीत
बहुत से लिख डाले।
कैसे मानूं मीत
प्रीत की बात बहुत,
तुमपर है विश्वास,
मगर आघात बहुत
रिवाजों के पहरे पे,
पहरे पे ताले।
स्वप्नों की डेहरी खुद,
जलता मै देखूं,
डोली पर दुल्हन सी,
तुमको जब देखूं।
दीप पर जलते हम,
जलते हम मतवाले।
मैने कागज पर गीत,
बहुत से लिख डाले।

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