Thursday - 14 March 2024 - 6:52 PM

कौन -कौन ‘एक देश एक चुनाव’ के खिलाफ?

जुबिली स्पेशल डेस्क

वन नेशन वन इलेक्शन की मांग पिछले काफी समय से उठ रही है। अब इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में हाईलेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हवाले कर दी है।

इस मामले में 62 दलों की अलग-अलग राय ली गई थी जिसमें 32 पार्टियो ने एक साथ चुनाव कराने की बात कही है जबकि जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया।

इसके अलावा 15 पार्टियों ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राष्ट्रीय दलों में से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने वन नेशन वन इलेक्शन की मांग के प्रस्ताव के खिलाफ नजर आये तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी इस पक्ष में खड़े हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 राजनीतिक दलों को छोडक़र 47 राजनीतिक दलों से इस पर अपनी राय रखी है।

32 राजनीतिक दलों ने न केवल एक साथ चुनाव की समर्थन करने के साथ-साथ दुर्लभ संसाधनों को बचाने, सामाजिक सद्भाव की रक्षा करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इसे अपनाने की बात भी कही। दूसरी तरफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी व सीपीआईएम ने इसका विरोध किया है।

तीनों ने इसे खारिज किया है और कहा है कि लोकतंत्र और संविधान की बुनियादी संरचना को कमजोर करता है। वहीं बसपा ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया है लेकिन ये जरूर कहा है कि देश की बड़ी क्षेत्रीय सीमा और जनसंख्या के संबंध में चिंताओं को उजागर किया, जो कार्यान्वयन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

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