जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर सख्ती शुरू हो गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत 1 जुलाई से सभी पेट्रोल पंपों को ऐसे ओवरएज वाहनों को ईंधन न देने का आदेश दिया गया है।
हालांकि नियम के दूसरे ही दिन, इसमें लापरवाही सामने आई है। कैमरे में 78 ओवरएज गाड़ियां तो दिखीं, लेकिन सिर्फ 7 गाड़ियों को जब्त किया गया।
कैमरे में गाड़ियां कैद, कार्रवाई सुस्त
परिवहन विभाग के मुताबिक, 78 ओवरएज वाहन सीसीटीवी में दिखाई दिए, लेकिन उनमें से अधिकांश को “नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” (NOC) के कारण नहीं जब्त किया गया। जब्त की गई 7 गाड़ियों में से
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1 वाहन को परिवहन विभाग ने
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3 को दिल्ली पुलिस ने
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और 3 को MCD ने जब्त किया।
इसके उलट पहले दिन यानी मंगलवार को 80 ओवरएज वाहन जब्त किए गए थे, जिनमें 67 दोपहिया, 12 चारपहिया और अन्य श्रेणी के वाहन शामिल थे।
पेट्रोल पंपों पर सन्नाटा
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने बताया कि बुधवार को पेट्रोल पंपों पर भीड़ बेहद कम रही। उन्होंने कहा,“जहां वाहन संख्या कम थी, वहीं शायद ही कोई ओवरएज वाहन पेट्रोल पंप पर आया हो। पहले दिन जो तकनीकी समस्याएं थीं, उन्हें काफी हद तक सुलझा लिया गया है, लेकिन कैमरा प्लेसमेंट में अभी सुधार की जरूरत है।”एक अन्य पेट्रोल पंप मालिक ने कहा,“अगर 60 में से सिर्फ 7 गाड़ियों को पकड़ पा रहे हैं, तो रणनीति पर पुनर्विचार की जरूरत है।”
ओवरएज मतलब जरूरी नहीं प्रदूषण
कई पंप संचालकों और विशेषज्ञों ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या सिर्फ उम्र के आधार पर वाहनों को प्रतिबंधित करना उचित है?
उनका कहना है कि
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रखरखाव ठीक होने पर पुराना वाहन भी कम प्रदूषण कर सकता है।
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जबकि नया वाहन, यदि सही तरीके से मेंटेन न किया जाए, तो ज्यादा प्रदूषण फैला सकता है।
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि कुछ ओवरएज वाहन NCR से दिल्ली में पेट्रोल-डीजल लेने पहुंच सकते हैं, जिससे नियम के पालन में और मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अब तक के आंकड़े
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2023 में: 22,000 से ज्यादा ओवरएज गाड़ियां जब्त
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2024 में: 39,000 से अधिक वाहन पकड़े और स्क्रैपिंग के लिए भेजे गए
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2025 मार्च तक: दिल्ली में 60 लाख से ज्यादा पुराने वाहन अनुमानित
नियम क्या हैं?
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1 जुलाई 2025 से लागू
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15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहन
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दिल्ली में ईंधन नहीं मिलेगा
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पकड़े जाने पर जब्त कर स्क्रैपिंग के लिए भेजे जाएंगे
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CNG वाहनों को फिलहाल छूट
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सभी पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों की पहचान के लिए तकनीकी उपकरणों से लैस किया गया
विपक्ष का विरोध
आम आदमी पार्टी ने इस आदेश को जनविरोधी और कॉरपोरेट समर्थक बताया है। पार्टी नेताओं ने इसे एक “तुगलकी फरमान” कहा है और कहा कि इससे मध्यम वर्ग, टैक्सी चालकों और डिलीवरी बॉय जैसे छोटे कामगारों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
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दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा ओवरएज वाहनों के खिलाफ शुरू की गई यह मुहिम अब जमीनी स्तर पर चुनौतियों से जूझ रही है। जहां एक ओर पर्यावरण को साफ रखने का इरादा है, वहीं इसके प्रभावी क्रियान्वयन में तकनीकी और प्रशासनिक कमियां सामने आ रही हैं।
अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नियमों को सख्ती से लागू किया जाता है या फिर इसमें कुछ बदलाव करने की नौबत आती है।